पुणे (तेज समाचार डेस्क). वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले की जांच से सबक लेने की सलाह देते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने डॉ. नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई और एसआईटी को जमकर फटकार लगाई. यही नहीं इन हत्याकांड जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट स्वीकारने से भी मना कर दिया है.
सीबीआई और एसआईटी ने डॉ. दाभोलकर और पानसरे हत्याकांड की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट हाइकोर्ट में पेश की, मगर हाइकोर्ट ने इन मामलों की जांच पर नाराजगी जताते हुए रिपोर्ट बिना पढ़े ही लौटा दी. इन मामलों की जांच में दोनों ही जांच एजेंसियों पर लापरवाही बरतने की टिप्पणी भी की. सीबीआई के सहनिदेशक, गृह सचिव और एसआईटी चीफ ने हाइकोर्ट में हाजिरी लगाई थी.
जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट देने के साथ ही उन्होंने जांच के लिए और दो माह की मियाद बढ़ाने की मांग की. इस पर फटकार लगाते हुए हाइकोर्ट ने सवाल उठाया कि त्योहारों के दिन रहने से मियाद मांगी जा रही है क्या? सीबीआई और एसआईटी मुखिया के समक्ष ही कोर्ट ने जांच पर गंभीर सवाल उठाए. जांच रिपोर्ट में वही वही बात शामिल कर कोर्ट के सामने पेश किये जा रहे हैं. जांच अधिकारी भी बदलते जा रहे हैं. इन बातों का समाज पर गंभीर परिणाम होता है, हमें इसकी चिंता होती है.
हाइकोर्ट ने सवालों की बरसात करते हुए कहा कि सरकारें बदलती रहेगी मगर देश का क्या होगा? अपराधी प्रशासन पर हावी है यह क्यों साबित किया जा रहा है? अगर ऐसे ही हालात रहे, तो देश में हर व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया करानी पड़ेगी. सारी पुलिस फोर्स बंदोबस्त में व्यस्त रहेगी तो हाईकोर्ट के वजूद पर भी सवाल उठेंगे. ऐसे कई सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट ने सीबीआई और एसआईटी को फटकार लगाई औऱ वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच से सबक लेने की सलाह भी दी.