जलगाँव ( विशाल चड्ढा ) – रूस्तम-ए- हिंद कहलाने वाले विश्वविख्यात कुश्ती पहलवान दारा सिंह का जलगाव जिले से काफ़ी निकट का संबंध रहा है. आस्ट्रेलिया के विश्व प्रसिध्ह पहलवान किंगकॉंग को दारा सिंह ने जलगाव में मात्र दो मिनट में चित्त किया था. कुश्ती से जुड़े जलगाव के पुराने लोगों ने दारा सिंह से जुड़ी यादों को ताज़ा करते हुए बताया की लगभग 42 वर्ष पूर्व 11 जनवरी 1970 में दारा सिंह की जलगाव के पुलिस मुख्यालय से जुड़े मैदान पर विश्व प्रसिध्ह पहलवान किंगकॉंग के साथ कुश्ती हुई थी. इस जाँबाज़ कुश्ती को देखने के लिए जन सागर उमड़ा था. आज इस स्थान पर एक स्टेडियम मौजूद है. बताते हैं की यह सारी जगह लोगों से खचाखच भरी हुई थी. और इतना ही जन सैलाब कुश्ती स्थल के बाहर भी मौजूद था. जिन लोगों को कुश्ती की टिकटें नही मिली थीं उन्होने कुश्ती स्थल के बाहर हाय-तौबा भी की थी. लोगों ने बताया की जलगाव में उस समय के प्रख्यात टाइगर आज़ाद, स्टील मैन, धनराज़ पहलवान, मारवल मैं आदि की कुश्टियाँ हो चुकी हैं.. उस समय किंगकॉंग और स्टील मैन ने प्रसार माध्यमो में दारा सिंह को तोडऩे मरोडऩे की चुनोती दी थी.. जिसके चलते किंगकॉंग के साथ दारा सिंह रोचक मुकाबला हुआ था किंतु बिल्कुल अल्प समय में कुश्ती ख़त्म हो जाने से खानदेश वासी अच्छे ख़ासे नाराज़ हुए थे. 11 जनवरी 1970 को कुश्ती देखने लगभग 1 लाख लोग मौजूद थे. कुश्ती ख़तम होने के बाद दारा सिंह जलगाव के धोंडू लाला पाटिल के कीर्ति मराठा मटन होटल पर खाना खाने जाते थे. दारा सिंह की लोकप्रियता को देखते हुए उनको जलगाव रेलवे स्टेशन के रेस्ट हाउस में ही रुकाया गया था. जलगाव जिले में दारा सिंह के आगमन के इतिहास में धरनगाँव, चोपड़ा , अमालनेर के नाम प्रमुख रहे. खानदेश कुश्ती के मुक़ाबले व स्थानीय पहलवानो के लिए बहुत प्रसिध रहा है . जलगाँव जिले के चोपड़ा में शिवसेना के नेता जगननाथ राणा पहलवान को कुश्ती आयोजन करने का बहुत शौक था. जगननाथ राणा के निवेदन पर शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के कहने पर दारा सिंह ने अपनी चोपड़ा में होने वाली कुश्ती का जिम्मा जगननाथ राणा को दिया था. इसी समय चोपड़ा में एक अखाड़े का शुभारंभ भी हुआ. दारा सिंह की मौजूदगी में चोपड़ा के तत्कालीन नगर अध्यक्ष व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अरुण गुजरातीके हांथो अखाड़े का भूमि पूजन हुआ था.. चोपड़ा में दारा सिंह की थोमओंग चौंग के साथ विजयी कुश्ती हुई थी.. धरनगाँव के भानुदास विसावे पहलवान के साथ वर्ष 1989-90 में अमालनेर में दारा सिंह की कुश्ती बराबरी पर ख़तम हुई थी. जिस के चलते दारा सिंह ने भानुदास विसावे के दाव पेंच की भरपूर सराहना की थी .इतना ही नही दारा सिंह ने भानुदास विसावे को शाम को अपने साथ भोजन के लिए भी बैठा कर सम्मान दिया. बाद में वर्ष 1991-92 में धरनगाँव आने पर दारा सिंह ने भानुदास विसावे के घर सुबह का नाश्ता व शाम को भोजन भी किया. जलगाव में शिवसेना की पहली जोशी पेठ शाखा का उद्घाटन भी दारा सिंह के हांथो ही संपन्न हुआ. जलगाव से प्रगाड़ रिश्तों के चलते वर्ष 2004 में भाजपा के प्रचार के लिए दारा सिंह ने कॉंग्रेस को बूढ़ी होने का ब्यान भी दिया. उसी दिन दारा सिंह नें जलगाव में हो रहे बाबा रामदेव के योग शिविर में भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई थी.