नई दिल्ली. मोदी सरकार में मोदी के बाद अपने काम और उपलब्धियों के कारण चर्चा में रहता है तो वह है हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज. सुषमा स्वराज ने दिवाली के मौके पर सभी जरूरतमंदों को भारत आने का वीजा देने की घोषणा की है. सुषमा पाकिस्तान के कई लोगों की वीजा की मांग पर पॉजिटिव जवाब दे चुकी हैं.
सुषमा ने ट्वीट किया, ‘हमारे यहां दिवाली का पवित्र त्योहार है. इस मौके पर भारत सभी जरूरतमंद लोगों को वीजा देगा. ऐसे सभी पेंडिंग केस आज सुलझा लिए जाएंगे.’
– दो दिन में दो मेडिकल वीजा
17 अक्टूबर को सुषमा ने पाकिस्तानी बच्ची को अर्जेंट मेडिकल वीजा देने का ऑर्डर दिया था. 5 साल की ये बच्ची आंख के कैंसर से पीड़ित है. 18 अक्टूबर को सुषमा ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाईकमीशन को एक पाक बच्चे को मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए वीजा देने को कहा. बच्चे के पिता काशिफ ने ट्विटर पर सुषमा से मदद की गुहार लगाई थी. काशिफ ने कहा था कि बच्चे की दवाइयां खत्म होने की कगार पर हैं. हमें तुरंत भारत आकर डॉक्टर से कंसल्ट करना है. इस पर सुषमा ने लिखा, ‘आपके बच्चे का इलाज जरूरी है. दवाइयों के चलते आपको बिल्कुल परेशान नहीं होना पड़ेगा. मैंने हाईकमीशन को आपको मेडिकल वीजा देने को कहा है.’
ज्ञात हो कि 18 जनवरी को ही सुषमा ने पाकिस्तान की एक महिला को भारत में लिवर के इलाज के लिए वीजा दिया था. महिला के बेटे रफीक मेमन ने वीजा के लिए गुहार लगाई थी. सुषमा ने पाकिस्तान के ही नाजिर अहमद शख्स को भी वीजा देने की बात कही है. नाजिर ने अपने 8 साल के बेटे मोहम्मद के इलाज के लिए वीजा की दरखास्त की थी.
पहले साउथ एशियाई देशों के ज्यादातर मरीज मेडिकल वीजा के लिए सिंगापुर या थाईलैंड का रुख करते थे, लेकिन बीते कुछ साल से भारत में मेडिकल फैसिलिटीज में जबर्दस्त सुधार हुआ. अब एशियाई देशों के ज्यादातर लोग इलाज के लिए भारत का रुख करते हैं. दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में हर महीने करीब 500 पाकिस्तानी मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें लिवर ट्रांसप्लांट के मरीज भी होते हैं. अपोलो में इस पर करीब 30 लाख रुपए खर्च होता है जबकि यूरोप या बाकी देशों में खर्च छह से सात गुना ज्यादा होता है. दूसरी बात, भाषा की भी ज्यादा परेशानी नहीं होती.