पुणे (तेज समाचार डेस्क). गत मंगलवार को शहर के प्रतिष्ठित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक महिला मरीज का तांत्रिक द्वारा जादूटोना के माध्यम से इलाज कराने की घटना से पूरे शहर में हलचल मच गई थी. जादूटोना करनेवाले इस तांत्रिक को यहां के एक डॉक्टर द्वारा ही बुलाए जाने से इस घटना ने गंभीर रूप ले लिया था. शुक्रवार को अलंकार पुलिस ने सचिन येरवडेकर नामक इस तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है. अदालत ने तांत्रिक को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. सचिन येरवडेकर को अस्पताल में बुलानेवाला डॉ. सतीश चव्हाण अभी भी फरार है.
ज्ञात हो कि दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक महिला पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश चव्हाण ने तांत्रिक को बुला कर तंत्रमंत्र कराया था. तंत्रमंत्र करने के दौरान ही महिला की मौत हो गई थी. इसके बाद मरीज के रिश्तेदारों द्वारा इस घटना का खुलसा करने पर डॉ. सतीश चव्हाण सहित तांत्रिक सचिन येरवडेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत दर्ज होने के बाद से ही दोनों फरार थे. शुक्रवार को अलंकार पुलिस ने तांत्रिक सचिन येरवडेकर को गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. इस मामले का दूसरा आरोपी डॉ. सतीश चव्हाण अभी फरार है.
दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द किया जाए
– संभाजी ब्रिगेड के पुणे के जिलाध्यक्ष संतोष शिंदे ने की मांग
दूसरी ओर संभाजी ब्रिगेड के पुणे के जिलाध्यक्ष संतोष शिंदे ने दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द करने की मांग राज्य सरकार से की है. इस संदर्भ में जारी एक ज्ञापन में शिंदे ने कहा है कि दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल धर्मादाय आयुक्त के पास पंजीकृत है. यहां के एक डॉक्टर द्वारा तांत्रिका सहारा लेकर अस्पताल में एक महिला मरीज पर तंत्र-मंत्र के जरिए उपचार करने का प्रयास किया गया, जिससे उस महिला मरीज की मौत हो गई. यह मामला पूरी तरह से अंधश्रद्धा को प्रोत्साहित करनेवाला है. इसलिए इस हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द किया जाए. शिंदे ने कहा है कि राज्य सरकार को इस हॉस्पिटल को मिलनेवाले सभी सरकारी अनुदान बंद कर देने चाहिए व मृत महिला संध्या सोनावणे के बच्चों का पालकत्व लेकर हॉस्पिटल की ओर से 550 लाख रुपए मदद तुरंत की जाए.