नई दिल्ली. देश के तीनों सर्वोच्च पदों पर आज आम लोग विराजमान है. ये तीनों ही गरीबों घरों से निकल कर राजनीतिक सफर तय करते हुए, यहां तक पहुंचे है. इन्हें देश की जनता की पीड़ा, समस्या की बारीकी से जानकारी है. यह प्रतिपादन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया. आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एम. वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित अनेक बड़े नेता पहुंचे. विशेष बात यह रही कि वेंकैया नायडू ने हिंदी में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली है.
शपथ ग्रहण करने से पहले वेंकैया नायडू ने राजघाट में बापू की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. नायडू ने सरदार वल्लभभाई पटेल और दीन दयाल उपाध्याय को भी श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वैंकेया नायडू राष्ट्रपति भवन पहुंचे जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. इसके बाद नायडू ने राज्यसभा में सभापति का पदभार भी संभाला.
राज्यसभा में मोदी ने वेंकैया नायडू को बधाई देते हुए राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा कि आज देश के तीनों सर्वोच्च पदों पर ऐसे लोग पहुंचे है, जो जमीन से जुड़े है, गरीब घरों में जन्म लिया, गरीबी की पीड़ा को सहा और उस पीड़ा को दूर करने लिए राजनीति में आए और राजनीतिक सफर तय करते हुए यहां तक पहुंचे. उन्होंने वेंकैया नायडू के बारे में कहा कि नायडू ने जब भी चर्चा की, किसानों और गरीबों के हित की बात ही कही. उन्हें न सिर्फ किसानों, मजदूरों और गरीब आदमी की पीड़ा का एहसास है, बल्कि उन्हें राज्यसभा में होनेवाले सभी कार्यकलापों की भी पूरी जानकारी है.
– गोपालकृष्ण गांधी से था मुकाबला
बता दें कि एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. शनिवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के मतदान में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवर गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया था. वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 मत मिले.
– नए उप राष्ट्रपति तक का राजनीतिक सफर
आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिले में स्थित एक कृषि परिवार में जन्मे नायडू बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने कई मंत्रालयों का पदभार भी संभाला है और लंबे समय तक राज्य सभा सदस्य रहे हैं.
1973-1974 में वे आंध्र विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे. इमरजेंसी के दौरान वे जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े और जेल गये. 1978, 1983 में नेल्लौर से विधायक चुने जाने के बाद, 1998 में राज्यसभा सांसद बने. 1988 से 1993 तक वे बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे. वेंकैया नायडू 2000 से 2002 तक अटल सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे हैं. 70 के दशक में वेंकैया अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और आरएसएस से जुड़े रहे थे. वेंकैया नायडू 2002 से 2004 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. 27 मई 2014 से 5 जुलाई 2016 तक वे संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.