धुलिया (तेजसमचार प्रतिनिधि): जनसहभागिता से बनाया 56 करोड़ का बाँध 8 लाख रुपये से श्रमदान से यह करिश्मा कर दिखाया धुलिया जिले की साक्री तहसील स्थित खुङाणे गाव निवासियों ने बिना किसी सरकारी मदद से प्रशासन सरकार की अनदेखी से श्रमदान से कर दिखाया जो राज्य सहित देश में सराहनीय कार्य है। जिस की शासन स्तर पर अभी तक संज्ञान नही लिया गया। काम के प्रति लगन और धुन पक्की हो तो बड़ी से बड़ी कठिनाईयां भी बौनी साबित हो जाती है। इसी को साबित किया है साक्री तहसील के खुङाणे गांव के ग्रामीणों ने पिछले सात महीनों से शासन-प्रशासन से बादल फटने से तेज बारिश की वजह से निजामपुर स्थित गाँव का घटबरी बाँध फ़ूट गया था जिस की मरम्मत कार्य करने के लिए शासन ने प्रस्तावित टेंडर राशि 56 लाख रुपए तय किया था जिसे गाँव के नागरिकों ने जन सहभागिता से दो महीने की रात दिन के श्रमदान से मात्र 8 लाख रुपये में बिना किसी सरकारी सहायता से कर दिखाया है।
एक तरफ जहां सरकार जल युक्त शिविर परियोजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन दूसरी ओर शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते गाव की महिला बुजुर्ग तथा बच्चों ने श्रमदान करके बाँध मरम्मत की मांग करते हुए खुङाणे गांव के ग्रामीण जब थक गए तो उन्होंने खुद ही शासन की अनदेखी के खिलाफ घटबारी बाँध निर्माण कार्य करने का बीड़ा उठाया और एक होकर लक्ष्य के प्रति जुनून किसे कहते हैं इसका उदाहरण हैं। खुङाणे गांव के वो ग्रामीण जिन्होंने बेहद पथरीले क्षेत्र के बावजूद 800 फीट लंबाई तथा ऊँचाई 70 फीट बाँध का निर्माण कर लिया है, मुश्किल चट्टानी क्षेत्र की बेहद विपरीतपरिस्थितियों पर ग्रामीणों के मजबूत हौसले भारी पड़े और उन्होंने हिम्मत नहीं हारते हुए बाँध के अधिकांश हिस्से को बेलचे-फावड़ों के साथ मशीनों से खोद डाला जिस में आर्थिक रूप से सहायता देशबंधु मंजू गुप्ता फौन्डेशन तथा औरंगाबाद स्थित महात्मा फुले कृषि प्रतिष्ठान ने मदद की है।
और उन्होंने हिम्मत नहीं हारी
धुलिया ज़िले की साक्री तहसील के खुङाणे गाव के किसानों ने शासन से घटबारी बांध बनाने हेतु अनेक बार ज़िलाधिकारी कार्यालय के समाने आंदोलन किया विधायकों ने अश्वशन दिया लेकिन किसी भी प्रकार की शासन से मदद उपलब्ध नहीं काराई गई मांग पूरी न होने पर ग्रामीणों ने खुद के परिश्रम और चंदा जमा करने के साथ गांव के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से भी आर्थिक मदद मांगी और मशीनों के साथ खुद भी जमीन पर उतरकर निर्माण कर डाला बाँध जिससे साक्री तहसील क्षेत्र के खुङाणे, डोमकनी, निजामपुर, जैताने यह चार गावों की पानी समस्या तथा फसल सिचाई की समस्या का खत्मा हो गया। विशेष बात यह भी है कि ग्रामीणों ने लाखों रूपये के राजस्व की बचत करने के साथ सरकारी मशीनरी को वर्षों लगने वाले काम को महज दों माह में इंजीनियरिंग का ज्ञान न होने के बावजूद भी ग्रामीणों ने जिस तरीके से बाँध का निर्माण किया वो भी किसी इंजीनियरिंग से कम नहीं।
ऐसे में आधुनिक भगीरथ साबित हुए ग्रामीणों के जज्बे की हर कोई सराहना कर रहा है। आज खुङाणे का घटबरी बाँध 5 सौ ग्रामीणों के मेहनत और पसीने से तैय्यार हो कर इस बारिश के मौसम में 140 क्यू केस पानी का भंडारण बाँध मे हुआ है।