धुलिया (तेज़ समाचार प्रतिनिधि):पचास करोड़ वृक्ष रोपण का लक्ष्य इस वर्ष रखा गया है जिसके चलते धुलिया ज़िले में इस साल की बरसात में 43.39 लाख वृक्ष लगाने का नियोजन किया गया है ।वनविभाग, सामाजिक वनीकरण, ग्रामपंचायत आदि विभागों को इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। पौधारोपण के साथ ही उनकी सूरक्ष का नियोजन करने के निर्देश प्रभारी ज़िला अधिकारी डॉ. नंदकुमार बेडसे ने कहा हैं । इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुएबताया है कि वृक्षारोपण अभियान राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पहल है। इसलिए, प्रत्येक विभाग प्रतिभागियों को इस अभियान में गंभीरता से कार्य करना चाहिए। पौधारोपण के खड्डे खुदाई की जानकारी कंप्यूटर में दो दिनों के भीतर अपलोड करना है। अगले दो दिनों में खुदाई की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए।
मनपा ने शहर में खुले भूखंडों पर पेड़ लगाए और उनके संरक्षण के लिए उपाय करने के निर्देश दिए हैं । वृक्षारोपण अभियान में भाग लेने के लिए, महाराष्ट्र नौसेना वन विभाग ने हरित सेन में नि: शुल्क नाम पंजीकृत किया है। www.mahaforest.in पर वन विभाग वेब साइट पर ऑनलाइन पंजीकरण ऑनलाइन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरित सेन के माध्यम से, नागरिकों को वृक्षारोपण अभियान में भाग लेने का अवसर दिया जाएगा तथा नागरिकों ने सक्रिय रूप से पौधारोपण में हिस्सा लेने का आव्हान किया है ।
ज़िला अधिकारी कार्यालय के सातपुडा सभागृह में ज़िला पौधारोपण की नियोजन बैठक का आयोजन किया गया था इस दौरान प्रभारी कलेक्टर श्री बेडसे बोल रहे थे ।उपवनसंरक्षक जी. के. अनारसे, उप ज़िला अधिकारी शुभांगी भारदे (रोहयो), उप जिलाधिकारी राजेंद्र पाटील (प्रशासन), सार्वजनिक बांधकाम विभागाचे कार्यकारी अभियंता विनोद भदाणे, सहाय्यक वनसंरक्षक रेवती कुलकर्णी, एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प, धुलिया प्रकल्पाधिकारी राजाराम हळपे आदि अधिकारी तथा विविध विभाग प्रमुख उपस्थित थे ।
उप वन संरक्षक अनारसे ने कहा धुलिया जिले में 43.3 9 लाख पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग 30.21, 5 लाख और सामाजिक वन विभाग पंचायत छह लाख जबकि अन्य विभागों के 2.18 लाख पौधे है। धुलिया वन खंड के माध्यम से कुल उद्देश्य के लिए 70% रोपण लगाए जाएंगे। 98 प्रतिशत उद्दिष्टपूरा किया जाएगा गड्ढे खोदना पूरा हो गया है। पिछले वर्षों में विभिन्न स्थानों में नर्सरी में 37 लाख पौधों का निर्माण किया गया है। इन पौधों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जुलाई 2018 में पौधों के रोपण करने का प्रयास किया गया है।