- – शादी में उपहार की जगह पुस्तकें भेंट करने की थी अपील
पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि). कुछ लोग बिल्कुल अलग होते है. और उनके स्वभाव की यही भिन्नता लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है. यहां तक कि ऐसे भिन्न लोगों द्वारा किए गए काम समाज के लिए एक मिसाल, एक आदर्श बन जाते है. शिरूर तहसील के कोरेगांव भीमा के शिरूर तहसील प्रासादिक दिंडी के मानद सचिव के. डी. गव्हाणे की कन्या श्वेता गव्हाणे व पुणे के घोरपडी निवासी राजेंद्र वटारे के पुत्र राकेश वटारे का विवाह हाल ही में संपन्न हुआ. इस नवदंपति की शादी की पत्रिका देख कर हर कोई आश्चर्य कर रहा था. यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी जब यह विवाह निमंत्रण पत्रिका देखी, तो उन्हें भी आश्चर्य हुआ और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पत्र से लिख कर दोनों को अपना आशीर्वाद दिया.
यू तो विवाह निमंत्रण पत्रिका में आपने कई तरह के संदेश पढ़े होंगे. कोई अपनी पत्रिका पर उपहार न लाने का आग्रह करता है, तो कोई सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए कई तहर के सामाजिक संदेश पत्रिका के माध्यम से देते है. जैसे पानी बचाव, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वृक्षारोपण, वृक्ष संवर्धन आदि. लेकिन श्वेता और राकेश की विवाह पत्रिका इन सभी से और अभी तक आपने जितनी भी विवाह निमंत्रण पत्रिका देखी होगी, उन सबसे बिल्कुल अलग थी.
– मोदी ने भेंट में दी ‘महात्मा गांधी’ पुस्तक
श्वेता और राकेश ने अपनी विवाह निमंत्रण पत्रिका पर सबसे नीचे मराठी में लिखा था, ‘फक्त पुस्तक रुपी भेट स्वीकारली जाईल’ अर्थात ‘सिर्फ किताब रूपी भेंट ही स्वीकारी जाएगी’. श्वेता और राकेश की यह विवाह निमंत्रण पत्रिका सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी. इस कारण यह पत्रिका जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देखी, तो वे भी काफी प्रभावित हुए. मोदी श्वेता और राकेश की इस अद्भुत पहल से इतने प्रभावित हुए कि वे स्वयं को नहीं रोक सकें और उन्होंने अपने हाथों से एक शुभेच्छा पत्र लिख कर ‘महात्मा गांधी’ नामक पुस्तक नवदंपति को भेंट स्वरूप भेजी.
उल्लेखनीय है कि श्वेता और राकेश के इस अभिनव उपक्रम की सभी क्षेत्रों में प्रशंसा हो रही है और इन दोनों की भावनओं और आग्रह का सम्मान करते हुए विवाह में शामिल हुए लोगों ने दोनों को अनेक प्रकार की पुस्तकें ही भेंट की. दोनों को अपनी शादी में करीब ५६० किताबें भेंट स्वरूप मिली है.