नई दिल्ली ( तेजसमाचार संवाददाता ) – बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर से उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है जिससे यूपी की सियासत में बवाल मच सकता है। स्वामी ने कहा है कि मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव मान ले नहीं तो 2018 में जब राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत होगा तो कानून बनाकर मंदिर बनाया जाएगा। कल ही सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत से मसले को सुलझाने की सलाह दी थी।
बुधवार सुबह लगभग ४.४५ बजे सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा की , ‘’सरयू नदी के उस पार मस्जिद बनाने का मेरा प्रस्ताव मुस्लिम समाज को मान लेना चाहिए। अगर मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव नहीं मानता है तो साल 2018 में राज्यसभा में बहुमत होने के बाद मंदिर बनाने के लिए कानून बनाएंगे।’’
हालांकि इस विवाद की अदालती कार्रवाई में लम्बे अरसे से मुसलमानों का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट अगर मध्यस्थता करने की पहल करता है तो इसके लिए मुस्लिम पक्ष पूरी तरह तैयार है मगर किसी बाहरी व्यक्ति की मध्यस्थता स्वीकार नहीं होगी। उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन्ने के बाद से ही राम मंदिर मुद्दे को प्रमुखता से देखा जाने लगा है । बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही आरोप लगा चुकी हैं की संघ अपना अजेंडा लागू कर रहा है. मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जहां विवाद को खत्म करने के लिए सभी पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए। इसके बाद पीठ ने सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि वे दोनों पक्षों से सलाह करें और 31 मार्च तक फैसले के बारे में सूचित करें। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की।