बीजिंग. लगता है जैसे उत्तर कोिरया को अपनी ताकत पर कुछ ज्यादा ही घमंड हो गया है. जबकि वह जानता है कि अमेरिका से युद्ध में वह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा. दूसरी ओर से अमेरिका अभी भी उत्तर कोरिया से शांति की आस लगाए बैठा है. उत्तर कोरिया की कई मिसाइलों को प्योंगयांग के रॉकेट फैसलिटी से मूव किया गया है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फैसलिटी से कई कोरियन मिसाइलों को तैनात किया गया है. अमेरिका से मिले सैन्य कार्रवाई के संकेत के बाद उत्तर कोरिया ने यह कदम उठाया है.
दक्षिण कोरिया के कोरियन ब्रॉडकॉस्टिंग सिस्टम ने रिपोर्ट में बताया है कि उत्तर कोरिया ने हाल ही में अपनी कई मिसाइलों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर से हटाकर प्योंगयांग के उत्तरी हिस्से में तैनात किया है. हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि ये मिसाइलें कब ले जाई गईं. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया अब ज्यादा भड़काऊ कार्रवाई कर सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया की ये मिसाइलें या तो मध्यम रेंज वाली ह्वासॉन्ग-12 या अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें ह्वासॉन्ग-14 हो सकती हैं. सनम-डॉन्ग मिसाइल रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रतिष्ठान में अंतरद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें रहती हैं.
– चरम पर है जुबानी जंग
मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जांग के बीच वाकयुद्ध चरम पर है और दोनों एक-दूसरे को कई बार हमले की चेतावनी दे चुके हैं.
– अभी भी बातचीत की जा सकती है : अमेरिका
दूसरी ओर अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के लिए रास्ता खुला है अगर वह अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को छोड़कर बात करने को तैयार हो. बीजिंग में चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद रेक्स ने कहा हम प्योंगयांग से बात कर सकते हैं. हम किसी गलत फहमी में नहीं है. हम उससे बात कर सकते हैं, हम उससे बात करना चाहते हैं. इस बात की जांच की जा रही है कि अगर वह परमाणु कार्यक्रमों को छोड़कर बात करने को तैयार हो तो, हम बात कर सकते हैं.
क्या चीन दोनों देशों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा? इस सवाल पर टिलरसन ने कहा कि बातचीत के लिए हमारा अपना माध्यम है. परमाणु संकट पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और वहां के शीर्ष राजनयिकों से चर्चा के बाद टिलरसन ने यह बयान दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन के प्रस्तावित दौरे से पहले टिलरसन चीन के दौरे पर गए हैं. उन्होंने ने चीन के राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर वाणिज्य, उत्तर कोरिया और नवंबर में ट्रंप की प्रस्तावित यात्रा पर चर्चा की.