नई दिल्ली ( तेज़ समाचार डेस्क ) – आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से नेवीगेशन सैटेलाइट आईआरएनएसएस-वनएच का प्रक्षेपण असफल हो गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने एक बड़ी छलांग की कोशिश की थी जो नाकामयाब रही. देश के निजी क्षेत्र के साथ मिलकर बनाया गया था यह सैटेलाइट . विदित हो की इसरो ने इस बार 41वां सैटेलाइट भेजने की तैयारी की थी,
इसरो चेयरमैन ए एस किरन कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. कुमार ने कहा कि प्रक्षेपण के चौथे चरण में सैटेलाइट से हीटशील्ड अलग नहीं हुई और पीएसएलवी का लॉन्य बेकार गया. बेंगलुरु की अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी ने ‘नाविक’ श्रृंखला का एक उपग्रह बनाया है. जिसे देशी जीपीएस की क्षमता बढाने के लिए लांच किया जा रहा था.
इसरो के लिए यह पहला मौका था जब उसने नेविगशन सैटेलाइट बनाने का मौका निजी क्षेत्र को दिया. इसरो प्रमुख एएस किरण कुमार ने बताया कि हमने सैटेलाइट जोड़ने में निजी संस्थानों की मदद ली .
इसके लिए रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करने वाले बेंगलुरु के अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी को पहला मौका दिया गया . कुल 70 वैज्ञानिकों के दल ने कड़ी मेहनत के बाद इस सैटेलाइट को तैयार किया था .
आईआरएनएसएस-1एच के प्रक्षेपण को गुरुवार की शाम अंतरीक्ष में स्थापित करने के लिए बुधवार से ही 29 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉंच पैड से शाम सात बजे इसका प्रक्षेपण किया गया.