नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). निपाह वायरस का खौफ बढ़ता जा रहा है. हालांकि सरकार ने साफ़ किया है कि ये वायरस केरल तक ही सीमित है, फिर भी कई राज्यों को अलर्ट पर हैं. इसकी वजह केरल से वहां पहुंचने वाली खाने-पीने की चीज़ें हैं. खासतौर पर यह वायरस कुतरे हुए फलों से फैलने का खतरा बना हुआ है.
आपको बता दें कि निपाह वायरस फ्रूट चमगादड़ में ही नैसर्गिक तौर पाया जाता है. यह चमगादड़ अक्सर फल खाते है. कई बार यह कुछ फलों को कुतर कर छोड़ देते है. चमगादड़ जिस फल को खाती है, उनके अपशिष्ट जैसी चीजों के संपर्क में आने पर यह वायरस किसी भी अन्य जीव या इंसान को प्रभावित कर सकता है.
– केरल आनेवाले फलों से सावधान रहें
केरल में फैले निपाह वायरस से फिलहाल दिल्ली और उत्तर भारत में कोई खतरा नहीं है, लेकिन, डॉक्टरों ने सावधान रहने की सलाह दी है. उनका कहना है कि केरल से जो केले आ रहे हैं, उनको खाने से बचें. अगर खाना ही है तो अच्छे से धोकर खाएं. गौरतलब है कि उत्तर भारत में ज्यादातर केले, केरल से आते हैं.दिल्ली और उत्तर भारत में बड़ी मात्रा में केले और खजूर केरल से मंगाए जाते हैं. निपाह वायरस से प्रभावित केरल के कालीकट और मल्लापुरम जिले में केले और खजूर प्रचुर मात्र में पाए जाते हैं. एम्स के डॉक्टर्स की टीम यहां जांच कर रही है.ऐसे में यहां से आने वाले फलों को ध्यान से खाना चाहिए. डॉक्टरों का कहना है कि इन दोनों ही फलों की भी अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाना चाहिए.
– निपाह के लक्षण
निपाह के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, चक्कर, मानसिक भ्रम, कोमा और आखिर में मौत शामिल है. 24-28 घंटे में यदि लक्षण बढ़ जाए तो इंसान को कोमा में जा सकता है. कुछ केस में रोगी को सांस संबंधित समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
– सेना ने जारी की एडवाइजरी
केरल के कोजिकोडे जिले में फैले निपाह वायरस ने भारतीय सेना को भी चिंता में डाल दिया है. निपाह वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सेना के डायरेक्टर जनरल आफ मेडिकल सर्विसेस की तरफ से एक एडवाइजरी आर्मी के सभी छह कमांड हेडक्वाटर्स को भेजी गई है. सेना ने अपने सभी सैनिकों और अधिकारियों को सलाह दी है कि इस संक्रमण से बचने के लिए चमगादड़ और सुअर से दूरी बनाकर रखें. साथ ही संक्रमित इलाकों में पेड़ों से गिरे फलों का सेवन बिल्कुल भी न करें.