नई दिल्ली (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) –नोट पर कुछ भी लिखा होने, गन्दा होने की दशा में असली नोट भी बैंक वापिस नहीं लेगा । रिजर्व बैंक ने तीन जुलाई 2017 को एक मास्टर सर्कुलर जारी करते हुए कहा की यदि किसी नोट पर राजनीतिक नारा या संदेश लिखा गया है, तो वैसे नोट को नहीं लेना चाहिए। वह लीगल टेंडर नहीं होते हैं और बैंक इन नोटों पर किसी भी दावे का भुगतान नहीं करेगा।
मास्टर सर्कुलर में खराब नोटों की परिभाषा देते हुए गंदे नोटों और विरूपित नोटों के बारे में कहा गया है। गंदे नोट वे हैं, जो समय के साथ या ज्यादा चलन में होने के कारण बदरंग हो जाते हैं। इसमें वे नोट भी शामिल होते हैं, जो लेन-देन में फट जाते हैं और उन्हें इस तरह से जोड़ दिया जाता है, जिससे नोट का कोई सिक्योरिटी फीचर छिपता नहीं है। आमतौर पर आपने भी सेलो टेप लगे ऐसे नोट देखे होंगे। वहीं, जब नोट लेन-देन के दौरान दो भागों में फट जाता है और उसका एक हिस्सा खो जाता है। तो ऐसे नोटों को म्यूटेलेटेड नोट्स या विरूपित नोट कहा जाता है। इन्हें हर ब्रांच में नहीं बदला जाता है। ऐसे नोटों के बदले में पूरा मूल्य मिलेगा, आधा मूल्य मिलेगा या कोई पैसा नहीं मिलेगा, यह आरबीआई के नोट रिफंड रूल्स 2009 के तहत तय होता है।
जिन नोटों की हालत काफी खराब होती है, उन्हें आरबीआई में ही जाकर बदला जा सकता है। इसके लिए कोई भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। किन्तु इसके लिए कुछ नियम और शर्ते तय की गई हैं । कोई व्यक्ति एक दिन में 20 नोट या 5,000 रुपए तक मूल्य के नोट बदलवा सकता है। यदि नोटों की संख्या 20 से ज्यादा है या उनका मूल्य 5,000 रुपए से अधिक हो तो बैंक सर्विस चार्ज लगा सकता है।