लाहौर. मुंबई में हुए हमलों का गुनहगार हाफिज सईद जल्द ही नजरबंदी से निकल सकता है. पाकिस्तान के एक ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड ने वहां की सरकार से कहा है कि अगर सईद के खिलाफ कोई और आरोप नहीं हैं तो उसे रिहा किया जाए. जमात-उ-दावा का चीफ सईद जनवरी से नजरबंद है. पाकिस्तान ने ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड से हाफिज सईद का हाउस अरेस्ट तीन महीने बढ़ाने की मांग की थी. लेकिन बोर्ड ने इसे खारिज कर दिया. पिछले महीने इसी बोर्ड ने सईद की नजरबंदी एक महीने बढ़ाने की इजाजत दी थी.
भारत के लिए सईद की रिहाई अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि वह मुंबई हमले के इस गुनहगार को सजा की मांग करता रहा है. अमेरिका ने उस पर इनाम भी रखा है. ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड में लाहौर हाईकोर्ट के जज शामिल हैं. पिछले महीने इसी बोर्ड ने सईद की नजरबंदी 30 दिन बढ़ाई थी. यह अगले दो दिन में खत्म हो रही है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार नजरबंदी तीन महीने और बढ़ाना चाहती थी. लेकिन बोर्ड ने सरकार की अपील को खारिज कर दिया. बोर्ड के फैसले के पहले पाकिस्तान सरकार का एक अफसर कोर्ट पहुंचा और उसने सईद के खिलाफ अहम सबूत दिए. लेकिन इसके बावजूद बोर्ड ने उसकी रिहाई के आदेश दे दिए.
बोर्ड के हेड जस्टिस अब्दुल समी खान ने कहा- अगर किसी और मामले में हाफिज सईद के खिलाफ आरोप नहीं हैं, तो सरकार उसकी रिहाई के ऑर्डर जारी करे. पंजाब प्रांत की सरकार के पास अब एक ही रास्ता है. वह सईद के खिलाफ नया केस दर्ज करे और उसकी नजरबंदी के लिए नए सिरे से ज्यूडिशियल रिव्यू बोर्ड के सामने अपील करे. न्यूज एजेंसी से पंजाब प्रांत की सरकार के एक अफसर ने कहा- सईद बाहर नहीं आ सकेगा. सरकार उसके खिलाफ नया केस तैयार कर रही है. इस अफसर ने कहा- फिलहाल, जो हालात हैं, उनमें हम सईद को खुला नहीं छोड़ सकते. क्योंकि सरकार उसके रिहाई के बाद इंटरनेशनल लेवल पर होने वाले रिएक्शंस को फेस करने के लिए तैयार नहीं है.
भारत मुंबई हमलों के मामले में सईद और लश्कर कमांडर जकी उर रहमान लखवी के खिलाफ कई सबूत पाकिस्तान को सौंप चुका है. लखवी पहले ही जमानत पर जेल से बाहर है और अब सईद की नजरबंदी भी जल्द खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं.
पंजाब प्रांत की सरकार ने बोर्ड से कहा कि अगर सईद को रिहा किया जाता है तो पाकिस्तान को दुनिया के कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. बहरहाल, सबूतों और दलीलों को बोर्ड ने काफी नहीं माना. सईद पर इस सुनवाई के दौरान उसके काफी समर्थक कोर्ट पहुंचे थे. इस फैसले के बाद उसके समर्थकों ने कोर्ट के बाहर काफी नारेबाजी की.