नई दिल्ली:अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सजा का ऐलान करते हुए हत्यारे पति राजेश गुलाटी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2010 में हुए अनुपमा गुलाटी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। राजेश गुलाटी ने 2010 में देहरादून में अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी। राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद उसके शरीर के 72 टुकडे किए और फिर धीरे-धीरे टुकडों को ठिकाने लगा दिया था। इस मामले का खुलासा 1 दिसंबर 2010 को दस विभत्स कांड का खुलासा हुआ था। आरोपी राजेश गुलाटी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। उसने पत्नी की लाश के 72 टुकडे करने के बाद उन टुकडों को फ्रीजर में रख दिया और धीरे-धीरे उन टुकडों को जंगल में फेंक दिया।
महीनो तक बच्चे पूछते रहे कहां गई माँ :
जानकारी के अनुसार राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी मूल निवासी 141/1 फस्र्ट फ्लोर सत्य निकेतन नई दिल्ली यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। 17 अक्टूबर को अनुपमा गुलाटी अचानक लापता हो गई। जब बच्चे पिता राजेश गुलाटी से मां के बारे में पूछते तो वह कहता उनकी मम्मी, नाना-नानी के घर गई हुई है। करीब दो माह तक ऐसे ही चलता रहा। इस दौरान जब अनुपमा के मायके पक्ष के लोगों का अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई राजेश के प्रकाशनगर स्थित आवास पर पहुंचा, मगर उसे घर में नहीं घुसने दिया गया। इसके बाद मायकेवालों ने पुलिस को सूचना दी।
डीप फ्रीजर से मिले थे लाश के टुकडे:
अनुपमा के मायके वालों की शिकायत पर जब पुलिस राजेश गुलाटी के घर पहुंची और कमरे की तलाशी ली तो पुलिस को वहां रखे डीप फ्रीजर में अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकडे मिले। अनुपमा की लाश के टुकडे देखकर पुलिस के भी होश उड गए। पत्नी की हत्या के आरोप में पुलिस ने राजेश गुलाटी को हिरासत में ले लिया। सात साल से इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।

