पुणे (आशीष शुक्ला ) 15 वर्षों के लंबे राजनीतिक वनवास के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की है. टीवी मीडिया की तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए गोरखपुर से भाजपा के सांसद आदित्यनाथ योगी की अगुवाई में भाजपा ने अपनी सरकार बनाकर राज्य में अगले पांच वर्षों के लिए अंगद के तरह पांव जमा लिए है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी – अमित शाह की मौजूदगी में योगी ने राज्य को विकास और खुशहाली के मार्ग पर जाने का ऐलान करते हुए शपथ ली. लेकिन क्या योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी विवादित छवि के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पांच साल का यह सफर आसान होगा? योगी का उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना सिर्फ यूपी के लिए ही नहीं बल्कि देश भर में चर्चा का विषय बन गया है. लोग उनके विवादित भाषणों और छवि को उनके नये रोल से जोड़ते हुए अपनी बातें रख रहे है. इसी विषय में पुणे के नौजवानों से बातचीत करने पर, उनकी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिली है. जहां कुछ युवाओं का मानना है कि ‘योगी उत्तर प्रदेश के बिल्कुल सटिक मुख्यमंत्री है, तो वहीं कुछ युवाओं का मानना है कि योगी के लिए यह राह बड़ी ही पथरीली और कांटों भरी होगी’.
– उत्तर प्रदेश को मिलेगी नई दिशा
एमआईटी कॉलेज की छात्रा चारू माने ने कहा कि ‘यह योगी आदित्यनाथ के लिए एक मौका है, जिसमें उन्हें अपनी काबीलियत को साबित करके दिखाना होगा कि वे कैसे हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाये रखते थे. योगी मुस्लिम विरोधी नहीं, मुस्लिमों के कथित जिहाद विरोधी है. लेकिन लोगों को ऐसा नहीं लगता है. इसलिए एकता के साथ अमन कैसे कायम रख पाएंगे? यह उन्हें गहराई से सोचना पड़ेगा. क्योंकि अखिलेश सरकार में यूपी कई सांप्रदायिक दंगो का दंश झेल चुका है, वे दोहराये न जाये यह यूपी के नए सीएम के लिए चुनौती होगी. वहीं योगी के प्रति मीडिया काफी नकारात्मक रहा है, तो फारयरब्रांड योगी इन सभी पॉलिटिकल पंडितों को कैसे गलत साबित करते है ये देखना दिलचस्प होगा. चारू ने आगे जोर देते हुए कहा कि योगी का नरेन्द्र मोदी की तरह ‘सबका साथ सबका विकास’ यह मंत्र शुरू से ही रहा है और अगर वह इसे अमल में लाते हुए चलते है, तो अब वे यूपी को नई उंचाइयों पर पहुंचाने में कामयाब होंगे. वे जमीन से जुड़े हुए आदमी है. वे जानते है कि आम आदमी का दर्द क्या होता है, रोजमर्रा की ज़िन्दगी जीने में क्या मुश्किलें आती है और आम आदमी को किन किन आधारभूत चीज़ों की जरूरत होती है. चारू का मानना है कि ‘अगर गांव में विकास हुआ, तो शहर खुद ब खुद ही विकासशील हो जायेंगे. इसलिए योगी को इस क्षेत्र में काम करना होगा. वहीं चारू का ऐसा विश्वास भी है कि योगी आदित्यनाथ का यूपी सीएम बनना मतलब यूपी को नई दिशा मिलना तय है.
– एक मौका जरूर देना चाहिए
निजी क्षेत्र ने कार्यरत 28 साल के वरुण राजीव पालकर ने कम शब्दों में अपनी बात रखते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ ने रविवार को देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसमे कोई संदेह नहीं की उनकी प्रतिमा और लोकबिंब उनके उग्र बयानों की वजह से हमेशा विवादग्रस्त रहा है, लेकिन लोकतांत्रिक माध्यम से अगर पार्टी ने और जनता ने उन्हे मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा है, तो मुझे लगता है कि हमें उन्हें एक अवसर देना चाहिये, उन्हें उनकी योग्यता साबित करने का. बाकी रही बात उनके राज का मूल्यांकन करने की, तो वह वक्त ही बताएगा कि वे कैसे मुख्यमंत्री साबित होते हैं.
– सभी धर्मों का विश्वास जीतना होगा
फोर्बेस मार्शल कंपनी में कार्य कर रहे 25 वर्षीय अक्षय नवले ने बातचीत में कहा कि ‘योगी गोरखपुर से सांसद है और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री. वे हमेशा से ही विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं. लेकिन अब उन्हें अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्रदेश की बड़ी समस्यों को ध्यान में रखना होगा, जिससे प्रदेश अभी तक जूझ रहा है. उनका पहला लक्ष्य प्रदेश का विकास करना और बेरोजगारी को दूर करना होना चाहिए. उन्हें जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम करना होगा. एक मुख्यमंत्री के तौर पर किसी भी जाति और धर्म के लोगों के साथ भेदभाव न करते हुए, उन्हें सभी को साथ लेकर चलना होगा. साथ ही उन्हें प्रदेश में रह रही मुस्लिम जनता को भी यह भरोसा दिलाना पड़ेगा कि राज्य भर के मुस्लिम उनके राज में सुरक्षित है. इस सब के साथ वे पीएम मोदी के विकास के एजेंडे पर काम करें. अक्षय ने उनके पहले के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि, यह देखना दिलचस्प होगा कि, जो लोग देश में रहते है लेकिन ‘भारत माता की जय’ कहने को तैयार नहीं होते है, तो उनके लिए योगी क्या कदम अपनाते हैं. क्योंकि जिसे देश से प्यार नहीं भारत माता की जय नहीं बोलता, फिर चाहे वह किसी भी धर्म का हो उसका योगी शासन में जीना कठिन होगा.
– राम मंदिर भी रहेगा योगी के लिए चुनौती
गरवारे कॉलेज में पत्रकारिता के विद्यार्थी 24 साल के शौनक नाइक ने राम मंदिर के मुद्दे को अहम बताते हुए कहा कि ‘अब जब योगी आदित्यनाथ सीएम बने हैं, तो सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर की जनता में विकास से ज्यादा राम मंदिर बनेगा या नहीं, इसकी उत्सुकता बनी हुई है. जब योगी के 5 साल ख़त्म होंगे, तब लोग पहले राम मंदिर बना या नहीं यह देखेंगे और बाद में बाकी के मुद्दों पर ध्यान देंगे. शौनक ने ये भी कहा कि उन्हें लगता है अगर कोई मंदिर बनवा सकता है, तो वह योगी आदित्यनाथ ही है. राम मंदिर का मुद्दा हिन्दू-मुस्लमान का नहीं है और इसको ऐसा रूप भी नहीं देना चाहिए. साथ योगी को भी यह समझना होगा कि सबको साथ लेकर कैसे जल्द से जल्द मंदिर बनाया जाये. शौनक ने आगे बोलते हुए कहा की ‘मुझे लगता है बीजेपी 2019 से पहले राम मंदिर के विषय को हाथ नहीं लगाएंगी. अगर 2019 में बीजेपी आती है, तो ही राम मंदिर आगे सुचारू रूप से चल पायेगा. पर राम मंदिर बनेगा या नहीं यह 2019 के नतीजों पर निर्भर करता है.
– योगी का सीएम बनना आश्चर्यजनक
वहीं फर्गुसन कॉलेज में छात्र मंसूर तंबोली कहना है कि ‘योगी के सीएम बनते ही मेरा पहला रिएक्शन यही था कि हम उस आदमी को एक मुख्यमंत्री के तौर पर कैसे स्वीकार कर सकते है, जिस पर कई मुक़दमे दर्ज हो? मंसूर का यह मानना है कि योगी इस काबिल भी नहीं है कि उनको इतने बड़े प्रदेश की कमान सौंपी जाये. उन्हें इस पद को क्यों दिया गया, जबकि भाजपा के पास और भी साफ़-सुथरी छवि के काबिल नेता थे, जो इस पद की जिम्मेदारी और समझदारी के साथ प्रदेश को संभाल सकते थे. मंसूर ने आगे कहा कि लेकिन उम्मीद है कि मोदी ने कुछ सोच कर ही योगी को चुना होगा, वे विकास की ही बात करेंगे.
-वक्त बताएंगा!
इन युवाओं से बातचीत के दौरान यह बात तो स्पष्ठ हो गई कि योगी एक बड़े ही कद्दावर नेता है, जिसकी पहचान प्रदेश के बाहर भी युवाओं के बीच में चर्चित है. अब देखना यह होगा कि भगवाधारी योगी आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को किस रथ में सवार कर यात्रा कराते है और शिक्षा, विकास में पिछड़े इस प्रदेश को किस मुकाम तक पहुंचाते हैं.