पुणे. पिछले 3 दिन से शहर में जारी मूसलाधार बरसात की वजह से पूरा पुणे शहर पानी-पानी हो गया है. जिसके चलते एक ओर जहां शहर को जलापूर्ति करनेवाले जलाशय या तो भर गए हैं, या फिर भरने की कगार पर हैं. इससे पुणेकरों के पीने के पानी की समस्या अगले एक साल के लिए खत्म हो गई है. पर वहीं लगातार पानी बरसने से शहर में जगह-जगह जलजमाव हो गए. जिसके चलते शहर की यातापात समस्या पर असर हुआ. जिसके चलते ट्रैफिक जाम से लोगों को दो-चार होना पड़ा. तो निचले इलाकों की बस्तियों में पानी भरने से लोगों को काफी दिक्कत हुई. बुधवार शाम साढे पांच तक शहर में 30.1 मि.मी.बारिश दर्ज की गई. पुणे मौसम विभाग की मानें तो अगले २४घंटे में मराठवाडा व विदर्भ में मूसलाधार व मध्य महाराष्ट्र में जोरदार बारिश होगी.
गणपति के बाद पिछले कुछ दिनों से बारिश रुकी हुई थी. सितंबर में ही अक्टूबर हीट का एहसास पुणेकरों को होने लगा था. लेकिन सोमवार से पुन: मानसून शहर व जिले में सक्रिय हो गया. जो अब तक लगातार जारी है. जिससे मौसम तो सुहाना हो गया, पर इसके साथ ही दिक्कतें भी लेकर आई.
– पानी में समाया भिड़े पुल
चार जलाशयों में से शहर के सबसे करीब खड़कवासला जलाशय है. 100 प्रतिशत भर जाने की वजह से खड़कवासला जलाशय से मंगलवार रात 9 बजे से पानी छोड़ा जा रहा था. रात को फिर बरसात के रफ्तार पकड़ने से पानी का विसर्ग बढ़ा दिया गया. बुधवार सुबह 7 बजे से ही यह विसर्ग बढ़ाना शुरू किया था. पहले यह विसर्ग 23 हजार क्यूसेक था. बाद में कम कर इसे 14 हजार क्यूसेक किया गया. लेकिन इस ज्यादा पानी की वजह से शहर का सबसे पुराना भिड़े पुल पानी के नीचे चला गया है. इस वजह से इस पुल से यातायात बंद कर दिया गया है. इसको देखते हुए मनपा प्रशासन की ओर से नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. सिंहगढ़ रोड के इलाकों में पानी भरने से महापौर ने मनपा टीम के साथ वहां के हालात का जायजा लिया.
-यातयात प्रभावित
लगातार बारिश की वजह से शहर के कई मार्गों पर पानी बहने लगे, जगह-जगज जलजमाव हो गए. इसके चलते वाहनों की रफ्तार मंद पड़ गई. सिंहगढ़, सातारा, सोलापुर जैसे शहर के प्रमुख मार्ग सहित तिलक रोड, कुमठेकर, लक्ष्मी, शिवाजी, बाजीराव, कर्वे, फर्ग्युसन, जंगली महाराज रोड पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं.