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पालघर की हार से फनफनाई शिवसेना

Tez Samachar by Tez Samachar
May 31, 2018
in Featured, प्रदेश, मुंबई
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पालघर की हार से फनफनाई शिवसेना

मुंबई (तेज समाचार डेस्क). वर्षों से गठबंधन बना कर युति में रहे शिवसेना और भाजपा के रिश्ते पिछले लोकसभा चुनाव के बाद खट्टे होते जा रहे हैं. कई नेताओं ने दोनों दलों के रिश्तों को सुधारने की कोशिश की, लेकिन शिवसेना के अड़ियल रवैए के कारण दोनों के बीच की खाई लगातार बढ़ती ही जा रही है. मनपा चुनाव में भी दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में युति कर मनपा में शिवसेना ने सत्ता बना ली. इसके बाद भी शिवसेना राज्य में भाजपा के साथ सत्ता में भागिदार होने के बाद भी मजबूत विरोधी की भूमिका लगातार निभाते हुए आ रही है. गत दिनों पालघर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में दोनों दल एक दूसरे के सामने थे. गुरुवार को चुनाव के परिणाम घोषित किए गए और शिवसेना को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. यहां भाजपा ने विजय हासिल की. लेकिन शिवसेना पालघर की इस हार को पचा नहीं पा रही है. गुरुवार को शिवसेना ने पालघर लोकसभा सीट पर आए परिणाम को स्वीकार करने से मना कर दिया है. पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने कहा कि जरूरत पड़ी, तो कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं. ठाकरे ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगला चुनाव शिवसेना भाजपा के साथ नहीं लड़ेगी. चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को नकार दिया है.
– चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
शिवसेना ने पालघर सीट के परिणाम को सही नहीं माना है. उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उन विसंगतियों पर कुछ नहीं कहा है, जिसकी ओर पार्टी ने इशारा किया था. शिवसेना ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. इसलिए उसकी नियुक्ति नहीं हो. चुनाव के जरिए उनकी नियुक्ति होनी चाहिए. शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने कहा कि जरूरत हुई तो वे कोर्ट जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र पर गंभीर खतरा है.
– चुनाव आयोग ने आरोपों को किया खारिज
ज्ञात हो कि अभी महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा गठबंधन की सरकार है. दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. लेकिन चुनाव बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर महाराष्ट्र में सरकार बनाई. आज दिन भर ये चर्चा चलती रही कि कहीं शिवसेना और भाजपा का रास्ता अलग-अलग न हो जाए. वैसे, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वो शिवसेना के साथ गठबंधन जारी रखना चाहते हैं.
– 1989 में बनी थी युति
1989 में दोनों पार्टियों का गठबंधन हुआ था. भाजपा के प्रमोद महाजन और शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की आपसी समझदारी के कारण यह गठबंधन संभव हो सका था. 2009 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा और एमएनएस की बढ़ती नजदीकी से शिवसेना नाराज थी. 2014 के आम चुनाव से ठीक पहले भाजपा की ओर से नीतिन गडकरी राजठाकरे से जाकर मिले थे. शिवसेना मानने लगी कि उसे कमजोर किया जा रहा है. इसी रणनीति के तहत भाजपा ऐसा काम कर रही है. चुनाव के बाद शिवसेना को मनमाफिक विभाग नहीं दिए गए. उनकी ओर से सिर्फ एक व्यक्ति को कैबिनेट में जगह मिली.

Tags: अमित शाहउद्धव ठाकरेपालघरपालघर लोकसभा उपचुनाव 2018प्रमोद महाजनबालासाहेब ठाकरेभाजपामुंबई मनपालोकसभाविधानसभाशिवसेना
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