- पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में राजनीतिक घमासान
- भाजपा की फूट भुनाने राकां भी मैदान में
- राकां के मोरेश्वर भोंडवे ने जमा किया नामांकन
- महेश लांडगे गुट दे सकता है समर्थन
पिंपरी (तेजसमाचार डेस्क). पिंपरी-चिंचवड महापालिका स्थायी समिति चुनाव के कारण पिंपरी-चिंचवड़ मनपा का माहौल इस समय काफी गरमाया हुआ है. भाजपा में दो फाड़ होने के बीच ही मात्र 4 सदस्यों के दम पर राकां के मोरेश्वर भोंडवे ने अपना नामांकन अध्यक्ष पद के लिए जमा किया है. बताया जा रहा है कि विधायक लक्ष्मण जगताप गुट की ममता गायकवाड़ को भाजपा का उम्मीदवार बनाने से महेश लांडगे गुट सख्त नाराज है. इस कारण आशंका जताई जा रही है कि 7 मार्च को चुनाव के दौरान महेश लांडगे गुट राकां उम्मीदवार मोरेश्वर भोंडवे को अपना समर्थन दे सकते है.
ज्ञात हो कि पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में स्थायी समिति अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार और लांडगे के गुट के राहुल जाधव के अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावनाएं थी. लेकिन शनिवार को विधायक महेश लांडके समर्थक को दरकिनार कर विधायक लक्ष्मण जगताप की समर्थक ममता गायकवाड को भाजपा उम्मीदवार घोषित कर उनका नामांकन जमा करवाया गया. इससे नाराज महेश लांडगे समर्थकों ने इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है. इसी के चलते शनिवार को महेश लांडगे समर्थक महापौर नितीन कालजे ने महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही राहुल जाधव, शीतल शिंदे, लक्ष्मण सस्ते और सागर गवली ने भी स्थायी समिति सदस्य पद से त्यागपत्र दे दिया था. हालांकि 4 सदस्यों के दम पर राकां को अध्यक्ष पद मिलना नामुमकिन है, लेकिन भाजपा में पड़ी इस फूट का भुनाने के चक्कर में राकां ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. बताया जा रहा है कि लांडगे गुट का समर्थन भोंडवे को मिला है, जिसके दम पर भोंडवे ने स्थायी समिति अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन जमा किया है.
– शिवसेना सदस्य की पूछ बढ़ी
बताया जा रहा है कि भाजपा में पड़ी इस फूंट के कारण शिवसेना के एकमात्र सदस्य का महत्व बढ़ गया है. दोनों गुट शिवसेना सदस्य का समर्थन पाने के लिए एडीचोटी का जोर लगा रहे है.
– लांडगे गुट का फेसबुक वॉर
ज्ञात हो कि स्थायी समिति अध्यक्ष पद की दौड़ में पहले विलास मडिगेरी, राहुल जाधव, शीतल शिंदे इन तीनों की प्रबल दांवेदारी मानी जा रही थी. लेकिन शनिवार को अचानक राकां से भाजपा में आयी ममता गायकवाड़ को उम्मीदवारी देने से भाजपा दो धड़ों में बट गई. गायकवाड को जगताप समर्थक कहा जा रहा है और उनका ही एकमात्र नामांकन अभी तक जमा हुआ है. ममता गायकवाड़ के नामांकन जमा करने से महेश लांडगे गुट काफी नाराज हो गया है. इन समर्थकों ने फेसबुक पर कम्पेनिंग भी शुरू कर दी है कि हमारा नेता और हमारी पार्टी सिर्फ विधायक महेश लांडगे ही है. इससे अब अध्यक्ष पद के चुनाव में कांटे की टक्कर की संभावना जताई जा रही है. हालांकि स्थायी समिति में भाजपा का बहुमत है, लेकिन अब गुट बाजी के कारण 7 मार्च को क्या परिणाम आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.
यदि इस चुनाव में विधायक महेश लांडगे गुट का सिक्का चल जाता है और उनके समर्थन से राकां को अध्यक्ष पद मिल जाता है, तो यह भाजपा के उदय होने के साथ ही अस्त होने का भी संकेत हो सकता है.