पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) समूचे देश में अच्छे दिन की बात की जा रही है, उसी देश का हिस्सा व राज्य की सांस्कृतिक राजधानी कही जानेवाली पुणे नगरी के नागरिकों के अच्छे दिन तो नहीं आएंगे, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2017-18 के महापालिका बजट में उनपर कर बढ़ोतरी की मार दी गई है. पुणेकरों को अब 12 प्रतिशत संपत्ति कर की मार सहन करनी पड़ेगी. उसके साथ ही पुणेकरों को अतिरिक्त 15 प्रतिशत जल कर का भी सामना करना पड़ेगा. ऐसे कुल 25 प्रतिशत कर वृद्धि का सामना पुणेकरों को सहना पड़ेगा. बजट में इससे संबंधित प्रावधान करने के बाद महापालिका प्रशासन की ओर से इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर उसे मंजूरी के लिए स्थायी समिति के समक्ष रखा गया है.
– मंगलवार को होगा फैसला
स्थायी समिति की मंगलवार की सभा में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी. स्थायी समिति के समक्ष रखे गए प्रस्ताव के अनुसार सन 2017-18 साल में टैक्स से कुल 1716 करोड़ कमाने है. इसके लिए टैक्स में बढ़ोतरी करना अनिवार्य था. इस वजह से यह बढ़ोतरी सुझायी गयी है. साथ ही आगामी काल में पुणेकरों को समान जलापूर्ति योजना के तहत 24 घंटे पानी देना है. इस वजह से अब मीटर के अनुसार पानी का दर लगाया जाएगा. इसलिए जल दर में भी 15 प्रतिशत की वृद्धि सुझायी गयी है.
– भाजपा कर सकती है विरोध
कहा जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी भाजपा इस कर बढ़ोतरी का विरोध करेगी. पुणेकरों पर इतना कर का बोझ डाल देना, यह बात भाजपा के कई पदाधिकारियों को अच्छी नहीं लग रही है. साथ ही भाजपा पहली बार बहुमत से पुणे मनपा में सत्ता पर आयी है. इस वजह से दस्तुरखुद्द सत्ताधारी पार्टी की ओर से ही कर बढ़ोतरी के इस प्रस्ताव का विरोध किया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है. अब इस पर मंगलवार की बैठक में कौन सा निर्णय लिया जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा.