पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) शहर के हडपसर इलाके में एक महिला ने अपने ही भतीजे की गला घोंट कर हत्या कर दी और फिर उसकी लाश को पानी की टंकी में फेंक दिया. गुरुवार रात लगभग 10 बजे घटी इस घटना में आरोपी चाची को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
हडपसर पुलिस थाने के सीनियर पीआई विष्णू पवार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक हडपसर के कालेपडल में 3 भाई विनोद खांडेकर, राम खाड़ेकर और श्याम खड़ेकर अपनी पत्नियों साथ संयुक्त रूप से रहते हैं. तीनों भाइयों में सिर्फ विनोद को ही बेट के रूप में संतान थी, जबकि राम को 2 और श्याम को 3 बेटियां है. गुरुवार सुबह विनोद का 5 साल का इकलौता बेटा आयूष उर्फ़ माउली खांडेकर लापता हो गया था. आयूष के लापता होने पर उसके माता-पिता सहित परिवार के सभी सदस्य उसे दोपहर तक ढूंढते रहे, लेकिन उसकी कोई जानकारी न मिलने पर आखिरकार उन्होंने बच्चे के गुमशुदा होने की शिकायत हडपसर पुलिस थाने में दर्ज कराई. मामले को गंभीरता से लेकर पुलिस ने लापता बच्चे की खोजबीन शुरू कर दी. पूछताछ के दौरान पुलिस को उसकी चाची अनीता खांडेकर पर संदेह हुआ. पुलिस ने जब उससे अपने तरीके से सख्ती से पूछताछ की और अनिता टूट गई और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. पूछताछ के दौरान अनिता ने कबूल किया कि उसने माउली की गला दबाकर हत्या कर उसकी लाश को पानी के ड्रम में छिपा दिया था. लेकिन हत्या को अंजाम देकर वह घर वालों के साथ मिलकर बच्चे को ढूंढने का नाटक कर रही थी.
– यह थी हत्या की वजह
हत्या की वजह की पूछने पर अनिता ने खुलासा किया कि उसको तीन बेटियां हैं, उसे बेटा न होने की वजह से ससुरालवालों के ताने सुनने पड़ते थे. पति सहित ससुरालवालों द्वारा इस बात से हो रही प्रताडना से तंग आकर उसने यह कदम उठाया. अनिता की देवरानी को माउली अकेला बेटा था. इसलिए अनिता से ज्यादा तवज्जो उसकी देवरानी को मिलती थी. अनिता ने इस बात से परेशान थी और वह अपनी देवरानी से बेटा न होने के कारण जलती थी. इसलिए उसने पांच साल के भतीजे की हत्या की साजिश रची. गुरुवार की सुबह उसने भतीजे को अपने कमरे में बुलाया और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद उसकी लाश अपने कमरे में कॉट के नीचे छिपा दी. इस दौरान माउली के पिता के मोबाइल पर उसने संपर्क करते हुए माउली जेजुरी रेलवे स्टेशन पर होने की जानकारी दी, जिसके लिए उसने अपने पडोसी महिला का चोरी किया सिम कार्ड इस्तेमाल किया था. जब माउली के माता-पिता उसे ढूंढने निकले, तब तक उसने बच्चे की लाश घर के पीछे रखे पानी के ड्रम में छिपा दी. इसके बाद वह भी उनके साथ माउली की तलाश में निकली, लेकिन इसी सिम कार्ड से डेढ महीने पहले अपने भाई को कॉल करने का उजागर हुआ. पुलिस की पूछताछ में वह अपनी करतूत नहीं छिपा पायी.
वरिष्ठ निरीक्षक विष्णू पवार, पुलिस निरीक्षक अंजूम बागवान, सहायक निरीक्षक हेमंत पाटिल, संदीप देशमाने की टीम ने 24 घंटे में हत्या के आरोप में महिला को सलाखों के पीछे डाल दिया. आरोपी महिला को अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.