पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) जिस पीएमपी को पुणे शहर की जीवनदायिनी कहा जाता है, उसके सीएमडी को लेकर पीएमपी हमेशा सुर्खियों में रहती आई है. अभिषेक कृष्णा के पीएमपी का सीएमडी का जिम्मा छोड़ने के बाद से अब तक इस पीएमपी को नया सीएमडी नहीं मिल सका है. पिछले नौ महीनों से यह पद खाली पड़ा है. इसका अतिरिक्त कार्यभार पुणे महापालिका आयुक्त कुणाल कुमार वहन कर रहे हैं. तमाम गतिविधियों की व्यस्तता के चलते आयुक्त इस विभाग को अपना समय नहीं दे पा रहे थे. इसलिए इस पद पर किसी योग्य अधिकारी की नियुक्ति की मांग जोर पकड़ने लगी थी. हाल ही में राज्य सरकार की ओर से राज्य के कई अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. माना जा रहा है कि अपनी सख्त छवि के लिए जाने जानेवाले नई मुंबई मनपा के आयुक्त तुकाराम मुंढ़े को पीएमपी का नया सीएमडी बनाया जाएगा. लेकिन मुंढे के नाम की अधिकृत पुष्टी प्रशासन द्वारा नहीं की गयी है. पर अगर मुंढे इस पद पर विराजमान होते हैं, तो पीएमपी प्रशासन का कामकाज पूरी तरह से पारदर्शी हो सकता है. इसलिए पुणेवासी उनके नाम की मांग कर रहे हैं.
– अक्सर विवादों में रहती है पीएमपी
पीएमपी को पुणे की जीवनरेखा माना जाता है. सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र का वह सबसे बड़ा जरिया है. पर यह संस्था हमेशा मुश्किल में रहता है. एक तो माली हालत ठीक नहीं, उपर से यह बिना सीएमडी के ही दौड़ती रहती है. क्येांकि अपने मुखिया की नियुक्ति को लेकर हमेशा लेटलतीफी रहती है. पीएमपी का प्रमुख सीएमडी होता है. पर पीएमपी का कामकाज ज्यादातर समय सीएमडी के बिना ही चलता है. श्रीकर परदेशी की पदोन्नति जब पीएमओ में हो गई थी, तब भी इस संस्था को काफी समय तक सीएमडी के बिना ही रहना पड़ा था. बाद में जब अभिषेक कृष्णा का तबादला नाशिक कर दिया गया था, तब से यह पद रिक्त पड़ा हुआ है. हाल ही में ए. बी. मिसाल को इस पद के लिए चुना गया था. पर उन्होंने अभी तक अपना जिम्मा ही नहीं संभाला. करीब 9 माह से पीएमपी सीएमडी के बिना ही चल रही है. इसका जिम्मा मनपा आयुक्त कुणाल कुमार संभाल रहे हैं. लेकिन घाटे में चल रही पीएमपी को जब तक कोई स्वतंत्र सीएमडी नहीं मिलता, तब तक यहां का कामकाज नहीं सुधर सकता. इसलिए सवाल किया जा रहा था कि नया सीएमडी इस पीएमपी के लिए कब दिया जाएगा? क्योकि पीएमपी किसी ना किसी मामले को लेकर विवादों में रहती आई है. यहां का प्रशासन जब तक नहीं सुधर सकता, तब तक पीएमपी सही ट्रैक पर नहीं आएगी. इसलिए अब पीएमपी को श्रीकर परदेशी के बाद तुकाराम मुंढे जैसे अधिकारी की सख्त जरूरत महसूस हो रही है.
-मनपा आयुक्त ही देख रहे कामकाज
ज्ञात हो कि तत्कालीन पीएमपी सीएमडी श्रीकर परदेशी के प्रमोशन के बाद काफी समय तक पीएमपी बिना सीएमडी के ही चल रही थी. पीएमपी को योग्य अधिकारी ना मिलने की वजह से मनपा के अतिरिक्त आयुक्त ओमप्रकाश बकोरिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. बाद में सरकार ने अभिषेक कृष्णा की नियुक्ति की. घाटे में चल रही पीएमपी को संवारना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. उन्होंने इसके लिए प्रयास भी खूब किए. पर पीएमपी की अंदरूनी राजनीति के चलते वे कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहे थे. ऐसे में वे यहां से अपना तबादला चाहते थे. आखिरकार सरकार ने कृष्णा की बात मानकर उन्हें नाशिक महापालिका के आयुक्त पद का जिम्मा सौंप दिया. कृष्णा के जाने की वजह से अब यह पद एक बार फिर रिक्त हो गया था. इस वजह से सभी की ओर से मांग की जा रही थी कि पीएमपी के लिए स्वतंत्र सीएमडी की नियुक्ति हो. आखिरकार राज्य सरकार की ओर से पीएमपी के लिए स्वतंत्र अधिकारी के तौर पर धुलिया के जिलाधिकारी ए. बी. मिसाल को यह जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन मिसाल ने अभी तक इस पद का जिम्मा नहीं संभाला है. इस वजह से पीएमपी का कामकाज मनपा आयुक्त कुणाल कुमार ही चला रहे हैं. यानी करीब 9 माह से पीएमपी बिना सीएमडी के ही चल रही है.
– तुकाराम मुंढे को लेकर सकारात्मक पुणेवासी
ज्ञात हो कि तुकाराम मुंढे जब सोलापुर जिले के जिलाधिकारी थी, तब उनका कार्यकाल पूरे महाराष्ट्र ने देखा था. मुंढे ने सोलापुर जिले को अनुशासन के पाठ पढ़ाए थे व प्रशासनिक कार्यों में तेजी के साथ-साथ पारदर्शिता लायी थी. इस वजह से लोग उनके काम की सराहना कर रहे थे. क्योंकि लोगों को सही तरीके से सुविधाएं मिल रहीं थी व भ्रष्टाचार के मामले भी कम हो गए थे. उकनी ईमानदारी की वजह से राजनैतिक लोगेां की आंखों के वे किरकिरी बन गए थे. इसलिए राजनैतिक दबाव डालकर उनका तबादला राज्य सरकार की ओर से नई मुंबई मनपा आयुक्त के पद पर किया गया था. वहां भी उन्होंने अपने काम करने की स्टाईल से लोगों का मन जीता था. यहां भी राजनैतिक लोगों ने उनका विरोध किया व उनकी शिकायत मुख्यमंत्री के पास सभी दलों ने की थी. एक बार तो मनपा आम सभा में उन्हें वहां से हटाने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री ने यह होने नहीं दिया था. आखिरकार मुंढे का तबादला किया गया है. उन्हें कहां भेजा गया है, इसकी कोई अधिकृत पुष्टी तो नहीं हो पाई है, पर कहा जा रहा है कि मुंढे को पीएमपी के सीएमडी का जिम्मा दिया गया है. पुणेवासी भी ऐसे ही अधिकारी की तलाश में हैं.