पुणे (तेज समाचार डेस्क). गत बुधवार को ऑफिस के घर लौटते समय सुवर्णा मुजुमदार नामक महिला की पतंग के मांजे से गर्दन कट गई थी. मांजे से गर्दन कटने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पांच दिनों तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष करते हुए रविवार को सुवर्णा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. सुवर्णा की मौत ने एक बार फिर चीनी मांजे पर प्रतिबंध के मुद्दे को उठा दिया है.
जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम करीब 6 बजे सुवर्णा मुजुमदार अपने कार्यालय से पुणे मनपा भवन की ओर से अपनी बाइक से घर जा रही थी. तभी शिवाजी पुल से गुजरते समय किसी पतंग के मांजे में उनकी गर्दन उलझ गई. मांजे के खींचे जाने से उनका गला जख्मी हो गया. सुवर्णा घायल हो कर वहीं सड़क पर बाइक सहित गिर पड़ी. आसपास के लोगों ने उनके गले से मांजा निकाल कर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा था. सुवर्णा की गर्दन का घाव इतना गहरा था कि डॉक्टरों के लाख प्रयासों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. रविवार को सुवर्णा ने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली. शिवाजीनगर पुलिस ने सुवर्णा की मौत के बाद सदोष हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
– सुप्रीम कोर्ट ने लगाया है प्रतिबंध
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से चायनीज ‘नायलॉन’ मांजे पर प्रतिबंध लगाया है. इस मांजे का इस्तेमाल न करने की अपील भी प्रशासन की ओर से की गई है. लेकिन फिर भी यह मांजा धड़ल्ले से पतंग की दुकानों में बेचा जा रहा है और इसका बेखौफ इस्तेमाल भी हो रहा है. लेकिन प्रशासन ने सिर्फ औपचारिक अपील की है. जबकि प्रशासन को चाहिए कि यह मांजा बेचनेवालों पर सख्त कार्रवाई करें.
– तीन साल के मासूम की आंख हुई थी जख्मी
इस मांजे से गत दिनों एक तीन साल के बच्चे की आंख जख्मी हो गई थी, तो एक आदमी की गर्दन घायल हो गई थी. विश्रांतवाड़ी परिसर में भी चीनी मांजे से एक व्यक्ति का चेहरा जख्मी हो गया था. इसके अलावा पिछले दिनों दो चील भी इस मांजे में फंस का घायल हो चुकी है. साथ ही अनगिनत कबूतर और गोरैया मांजे से अपनी जांच गवा चुकी है.