पुणे (तेज समाचार डेस्क). बुधवार को पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के स्थायी समिति अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में सिर्फ औपचारिकताओं का वहन देखने को मिला. क्योंकि नामांकन जमा करते ही दोनों मनपाओं में अध्यक्ष कौन होगा, यह तय हो गया था. बुधवार को पुणे मनपा के स्थायी समिति अध्यक्ष पद के लिए योगेश मुलिक को और पिंपरी चिंचवड़ मनपा स्थायी समिति अध्यक्ष पद पर भाजपा की ममता गायकवाड़ को चुन लिया गया.
– आगामी चुनाव में काम आएगी मुलिक की जीत
स्थायी समिति अध्यक्ष पद के लिए भाजपा में अंदरूनी रस्साकस्सी तेज हो गयी थी. क्योंकि इसके लिए कई दावेदार कतार में खड़े थे. अंत में सुनिल कांबले व योगेश मुलिक में यह लड़ाई हो रही थी. आखिरकार पार्टी ने योगेश मुलिक को इस पद की उम्मीदवारी दे दी. तब से ही मुलिक का अध्यक्ष बनना तय हो गया था. उसके अनुसार 7 को चुनाव हुआ व इसमें अपेक्षित तरीके से मुलिक को जीत हासिल हुई. 10 मत हासिल कर उन्होंने यह मुकाबला जीता. उनके अध्यक्ष होने से अब वडगांवशेरी चुनाव क्षेत्र में मुलिक परिजन ताकद मिल गयी है. इसका फायदा इन्हें विधानसभा चुनाव के अवसर पर होगा.
– 05 वोट से मिली जीत
मुरलीधर मोहोल का अध्यक्ष पद का कालाविध 1 मार्च को ही खत्म हो गया. इस पर अब नया अध्यक्ष चुना जाना था. इस पद के लिए कई लोग रेस में उतरे थे. पहले हेमंत रासने, राजेंद्र शिलीमकर, मंजूषा नागपुरे, सुनील कांबले, रंजना टिलेकर, योगेश मुलिक का नाम लिया जा रहा था. बाद में इसमें से कई नाम पीछे छूटते चले गए. बाद में कांबले, मुलिक, टिलेकर व नागपुरे में रेस मानी जा रही थी. बाद में इस रेस में दो ही लोग रह गए थे, कांबले व मुलिक. लग रहा था कि कांबले को उम्मीदवारी देकर भाजपा दलित समाज को न्याय देगी. साथ ही कांबले लगातार 5वीं बार नगरसेवक चुन कर आए हैं. उन्हें अभी तक कोई पद नहीं मिला था. इस वजह से उन्हें इस बार स्थायी समिति का अध्यक्ष पद दिया जाएगा. क्योंकि स्थायी समिति में उनका 1 साल का ही कालाविध बचा है. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अध्यक्ष पद के लिए नामनिर्देशन पत्र दाखिल करते समय भाजपा ने योगेश मुलिक को उम्मीदवारी दे दी थी. उनके खिलाफ एनसीपी की लक्ष्मी दुधाने थी, जिन्हें सिर्फ अपेक्षा के अनुरूप 5 मत मिले, जबकि योगेश मुलिक को 10 वोट मिले और उन्हें 5 मतों से विजयी घोषित कर दिया गया.
– वडगांवशेरी विधानसभा को मिली ताकद
स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर योगेश मुलिक को चुना जाने की वजह से वडगांवशेरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र के मौजूदा विधायक जगदीश मुलिक की ताकद बढ़ गयी है. आगामी विधानसभा चुनाव में इसका उन्हें फायदा हो सकता है. इस चुनाव क्षेत्र में पहले से ही भाजपा की ताकद कहीं पर भी नहीं थी. इस क्षेत्र पर हमेशा एनसीपी व कांग्रेस ने ही राज किया. शिवसेना ने भी यहां पकड़ जमा ली थी. लेकिन भाजपा यहां कभी भी नहीं थी. भाजपा के ऐसे कठिन काल में इस मुलिक परिजन में भाजपा का कमल हाथ में लिया. 2012 में योगेश मुलिक पहली बार महापालिका पर नगरसेवक पद पर चुनकर आए. भाजपा की यह पहली जीत थी. उसके बाद मोदी लहर में जगदीश मुलिक 2014 में विधायक बने थे. यह जीत उनकी सिर्फ 5 हजार मतों से हुई थी. इस वजह से कहा जा रहा था कि भाजपा यहां ज्यादा वर्चस्व नहीं जमा पाएगी. लेकिन अब भाजपा ने यहां पकड़ जमायी है. साथ ही अब तो अध्यक्ष भी हो जाने से ताकद बढ़ गयी है. अब इस क्षेत्र में विकास काम करने के लिए उन्हें अवसर है. क्योंकि इस उपनगर में कई सारी मूलभूत समस्याओं का अभाव है. यहां ये काम अच्छी तरीके से किए जाते है.