पिंपरी. मावल गोलीबारी कांड के आंदोलक किसानों पर दर्ज मामले सरकार वापस लेगी. अर्थमंत्री सुधीर मुनगुंटीवार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उस समय आंदोलन को लेकर गलत जानकारी दी गई और आंदोलन हिंसक हो गया था. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपी गई है. इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा ही लिया जाएगा और संभवत: किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे. यह जानकारी विधायक बाला भेगडे ने यहां दी.
विधायक भेगडे के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने गत 3 अगस्त को अर्थमंत्री सुधीर मुनगंटीवर से मुलाकात कर किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की मांग की थी. इस पर मुनगंटीवार ने भेगडे को किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने का आश्वासन दिया है.
इस शिष्टमंडल में भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष शंकर शेलार, मावल पंचायत समिति के पूर्व सभापति एकनाथ टिले, ज्ञानेश्वर दलवी, भाजपा के मावल प्रभारी भास्करराव म्हालसकर, आरपीआई के अध्यक्ष सूर्यकांत वाघमारे, सभापति गुलाबराव म्हालसकर, उपसभापति शांताराम कदम, भाजपा अध्यक्ष प्रशांत ढोरे, शिवसेना मावल विभाग प्रमुख राजू खांडभोर, शिवसेना नेता भारत ठाकुर, भाजयुमो के अध्यक्ष बालासाहेब घोटकुले, कार्याध्यक्ष अजित आगले, राजेश मुर्हे, संदीप भुतडा, मधुकर धामणकर, रामा गोपाले, संभाजी म्हालसकर आदि उपस्थित थे.
ज्ञात हो कि 9 अगस्त 2011 को पवना बांध से भूमिगत जलवाहिनी के विरोध में किसानों ने पुणे-मुंबई महामार्ग पर आंदोलन किया था. इस आंदोलन के हिंसक होने पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी, जिसमें तीन किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने मावल के करीब 190 किसानों पर मामले दर्ज किए थे. इस मुद्दे को लेकर अर्थमंत्री सुधीर मुनगंटीवर और आमदार बाला भेगडे के बीच 3 अगस्त को मुंबई में एक बैठक हुई. इस समय मुनगंटीवर ने आश्वासन दिया कि उस समय किसानों पर दर्ज मामले सरकार की ओर से वापस लिए जाएंगे.