पुणे. दिए गए समय पर जाति प्रमाणपत्र जमा नहीं करना तीन नगरसेवकों को महंगा पड़ा. इसकी कीमत उन्हें अपनी सदस्यता गंवा कर चुकानी पड़ी.ये सभी सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के हैं. आरक्षित सीटों से चुनाव जीतकर आए इन नगरसेवकों को मनपा चुनाव विभाग ने उनका जात प्रमाणपत्र जमा कराने के लिए 22 अगस्त तक की मोहलत दी थी. जो मंगलवार को समाप्त हो गई. जिसके बाद मनपा चुनाव विभाग के पास उनकी सदस्यता समाप्त करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा था. कविता वैरागे, दिशा माने व वर्षा साठे की सदस्यता छीनने से सत्ताधारी भाजपा को झटका लगा है.
– मनपा सभागृह में नहीं बैठ सकते ये सदस्य
महापालिक आयुक्त कुणाल कुमार ने बताया कि 8 नगरसेवकों को मनपा चुनाव विभाग ने उनके जात प्रमाणपत्र जमा कराने के लिए 22अगस्त तक की डेडलाइन दी थी. जिसके बाद 4 ने मंगलवार शाम तक अपने प्रमाणपत्र जमा करा दिए. पर कविता वैरागे, दिशा माने व वर्षा साठे ने अपना प्रमाणपत्र जमा नहीं कराया. इस वजह से कानूनन इन लोगों का पद रद्द हो गया. मनपा चुनाव में विभाग ने उम्मीदवारों को जाति का प्रमाणपत्र देने के लिए 6 माह की समयसीमा दी थी. यह समयसीमा खत्म होने के बाद ये लोग कानूनन पद से हट जाते हैं. इसके अनुसार यह समयसीमा खत्म हो गयी है. आयुक्त के अनुसार अब ये लोग महापालिका सभागृह में नहीं बैठ सकते. इनकी जानकारी हम सरकार को भी भेजेंगे. आयुक्त ने कहा कि आरती कोंढारे का मामला कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने अभी तक उनकी नगरसेवकी बरकरार रखने के लिए कहा है. इसलिए कोर्ट जब तक फैसला नहीं देता, तब तक ये नगरसेवक बनी रहेंगी.
इन नगरसेवकों के पद रद्द हो जाने की वजह से भाजपा को बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि पहले से ही कई नगरसेवकों का पद रद्द हो गया था. अब ये बड़ा झटका भाजपा को लगा है.
– 6 माह में जमा कराना होता है
6 माह पहले महापालिका के चुनाव संपन्न हुए. इसमें कुल 162 नगरसेवक चुनकर आए. पहली बार भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई. वहीं एनसीपी व कांग्रेस को विपक्षी बेंच पर बैठना पड़ा. भाजपा के कुल 96 नगरसेवक चुनकर आए हैं. इस चुनाव में विभिन्न जाति के अनुसार सीटें आरक्षित किए गए थे. ऐसी सीटों की संख्या 68 है. चुनाव लड़ते समय जाति का प्रमाणपत्र चुनाव विभाग को पेश करना इन उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य होता है. अगर किसी के पास प्रमाणपत्र नहीं होता है, तो इस तरह का एक एफिडेविट देना पड़ता है कि आगामी 6 माह के अंदर ये अपना प्रमाणपत्र पेश कर देंगे.