पुणे. महापालिका सीमा में आनेवाले सभी स्कूलों में वंदे मातरम गीत गाने का प्रस्ताव मंजूर करने को लेकर आम सभा में बवाल देखने को मिला. वंदे मातरम गीत गाने सख्ती ना कर उसे ऐच्छिक किया जाए, ऐसा उपसुझाव विपक्षी पार्टी यानी एनसीपी व कांग्रेस ने दिया था. लेकिन इसका जोरदार विरोध करते हुए शिवसेना व भाजपा के लोगों ने एकजूट होकर ‘अगर देश मे रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा’ ऐसी नारेबाजी की. करीब 20 मिनट तक इसका विवाद चल रहा था. आखिरकार इस पर मतदान लेने के निर्देश महापौर ने दिए. उसमें भाजपा व शिवसेना की जीत हुई. सभी स्कूलों में यह गीत सख्ती से गाने का प्रस्ताव पारित किया गया.
– भाजपा-सेना ने की नारेबाजी
प्रखर राष्ट्राभिमान के लिए प्रेरणादायी बना वंदे मातरम गीत गाने की महापालिका सीमा में आनेवाले सभी स्कूलों में सख्ती की जाएग, साथ ही सभी स्कूलों में छत्रपति शिवाजी महाराज का तैलचित्र लगाया जाए, ऐसा प्रस्ताव आम सभा के समक्ष शिवसेना के गुटनेता संजय भोसले, प्रमोद भानगिरे व विशाल धनवडे ने दिया था. लेकिन यह विषय जब चर्चा के लिए आया था, तब इसे कांग्रेस का गुटनेता अरविंद शिंदे ने विरोध किया. साथ ही एक उपसुझाव दिया कि इसे सख्ती ना कर उसे ऐच्छिक किया जाए. एनसीपी के नगरसेवक योगेश ससाणे भी उनके साथ ही थे. इस विषय को लेकर पहले कई देर तक चर्चा हुई. लेकिन उपसुझाव को लेकर बवाल हुआ. इसमें भाजपा व सेना के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की. ‘देश मे रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा’ ऐसी नारेबाजी इन लोगों ने की. इस वजह से सभागृह में थोडी देर तक विवाद हो रहा था.
– प्रस्ताव किया गया पारित
सभागृह में हो रहे इस विवाद को देखकर महापौर ने इस उपसुझाव पर मतदान लेने के निर्देश दिए. वंदे मातरम ऐच्छिक हो, इस पक्ष में कांग्रेस व एनसीपी थी, तो इसकी सख्ती की जाए, इसका समर्थन करने में भाजपा व शिवसेना थी. आखिरकार बहुमत के जोरों पर भाजपा-शिवसेना की इसमें जीत हुई. वंदे मातरम की सख्ती की जाए, इस प्रस्ताव को आखिरकार मंजूरी मिल गयी.