पुणे (तेज समाचार प्रतिनिध) सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ ने अस्थायी कालावधि के लिये चार अधिष्ठाताओं (डीन) जिनमें डॉ. वी. बी. गायकवाड, डॉ. विजय खरे, डॉ. प्रफुल्ल पवार और डॉ. दीपक माने शामिल है, की नियुक्ति की गई है. इस वजह से विद्यापीठ के शिक्षा कामकाज को गति मिलेगी.
राज्य सरकार ने नया विद्यापीठ कानून जारी किया गया है. इसके अनुसार विद्यापीठ में पूरे समय अधिष्ठाता काम करेंगे. इसके अनुसार चार अधिष्ठाताओं की नियुक्ति कुलगुरु को करनी है. नये विद्यापीठ कानून जारी है, फिर भी इस प्रक्रिया को अभी भी शुरुआत नहीं की गई है. अधिष्ठाताओं की नियुक्ति न होने के कारण कामकाज धीमी गति से शुरू है.
डॉ. वासुदेव गाडे ने विद्यापीठ कानून के अनुसार अधिष्ठाताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने तक अस्थायी कालावधि के लिये चार अधिष्ठाताओं का चयन किया है. विज्ञान व तकनीक विद्याशाखा के अधिष्ठाता के रूप में पूर्व बीसीयूडी के संचालक डॉ. वी. बी. गायकवाड, वाणिज्य व व्यवस्थापन विद्याशाखा के अधिष्ठाता डॉ. प्रफुल्ल पवार, मानव विज्ञान विद्याशाखा के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के संचालक डॉ. विजय खरे और अंतर-विद्याशाखीय अभ्यास विद्याशाखा पद पर डॉ. दीपक माने की नियुक्ति की गई है. दरम्यान, कुलगुरु के विशेष अधिकार में चार अधिष्ठाताओं की नियुक्ति होने से शिक्षा काम को गति मिलेगी. वर्तमान में विद्यापीठ में परीक्षा शुरू है. इस नियुक्ति की वजह से परीक्षा का नियोजन करना आसान हो जाएगा.