पुणे (तेज समाचार प्रतिनिधि) पुणे, पिम्परी- चिंचवड़ और लोनावाला पिछले 2-3 वर्षों से वाहन आगजनी का दंश झेल रहा है. घर के सामने, सड़क किनारे और सोसायटी के पार्किंग में खड़े वाहनों को अज्ञात उपद्रवियों द्वारा आग लगाने की वारदातों ने नागरिकों के साथ ही पुलिस को भी परेशान कर रखा था. लेकिन पिछले दो साल की तुलना में इस वर्ष वाहन जलाने की वारदातों में कमी आयी है. यह दावा एक संवाददाता सम्मेलन में प्रभारी अतिरिक्त आयुक्त दीपक साकोरे ने किया है.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए साकोरे ने कहा कि अपराध विभाग द्वारा जनवरी 2017 से मार्च तक 9 मामले दर्ज हुए है इन 9 मामलों में सात मामलों में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही 2016 वर्ष में वाहनों को आग लगानेवाले पांच अपराधियों के खिलाफ एमपीडीए कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें विभिन्न जेलों में स्थानबद्ध किया गया है. पुलिस द्वारा की गई उपाय योजना से इन मामलों में कमी आयी है. आगजनी की वारदातों की रोकथाम हेतु नागरिकों को सावधानी बरतने की अपील भी उन्होंने की. इस संवाददाता सम्मेलन में सहायक आयुक्त सुरेश भोसले, अरुण वालतुरे उपस्थित थे.
2016 में पकड़े गए 168 आरोपी
पुणे शहर में वर्ष 2016 में वाहनों को आग लगाने के कुल 84 मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हुए है. इसमें 48 मामलों को उजागर करते हुए 168 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें अश्विन बलिराम साठे उर्फ बिलाड सोन्या (खडकी), योगेश शंकर मरडे उर्फ लाल (इंदिरा नगर वसाहत), संदीप उर्फ शंकर वसंत खलसे (थेरगांव), रोहित वसंत पासलकर (वारजे), समीर वाल्मीक खेडेकर (मुलशी) के खिलाफ एमपीडीए कानून के तहत कार्रवाई की गई है.
– सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी
पुलिस ने लोगों से अपील करते हुए सावधानी बरतने को कहा है. साथ ही नागरिकों को अपनी सोसाइटी में आवश्यक रूप से सीसीटीवी लगाने की नसीहत भी उन्होंने ने दी, जिससे आगजनी, चोरी या अन्य वारदातों मामलों को अंजाम देनेवाले आरोपियों तक पुलिस पहुंच सके. 2016 में पूर्व रंजिश से वाहन जलाने की संख्या ज्यादा थी. एमपीडीए के तहत की गई कार्रवाई से अपराधियों पर शिकंजा कसा गया है. वहीं पेट्रोलिंग, नाकाबंदी से कई गंभीर मामले उजागर हो रहे है. इसके अलावा लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है.
– क्या कहते हैं 2016 के आंकड़ें
इन दो वर्षो में आगजनी की प्रमुख घटनाओं पर नजर डाले, तो 2016 में वाहनों को आग लगाने के पीछे कई कारण सामने आए है. इनमें पूर्व रंजिश के चलते आग लगाने के 19 मामले, घर के सामने हॉर्न बजाने पर रोकने के चलते आग लगाने का एक मामला, ड्रक एंड ड्राइव के दौरान हुए विवाद में 1, शराब के लिए पैसे न देने पर 2, अवैध संबंधों के चलते 1, पेट्रोल चोरी करके समय हुए हादसे 2, शराब के नशे में कचरा जलाते समय 3, प्रेम संबंध में 1, दहशत निर्माण करने हेतु 11, व्यक्तिगत रंजिश में 1, घरेलू विवाद में 3, पार्किंग विवाद में 1, सोसाइटी के लोगों द्वारा परेशान करने पर वाहनों को आग लगाने के 3 मामले उजागर हुए है. जबकि 2017 में पेट्रोल चोरी करते समय हुए हादसे में 1, व्यक्तिगत रंजिश में 1, राजनीतिक रंजिश में 1, लडकी के विवाद में 1 और सड़क किनारे पार्किंग में 1, घरेलू विवाद में 2 मामले उजागर हुए है.