– 17 दिन गुफा में कैद रहे बच्चे
– आखरी दिन कोच और सबसे छोटा बच्चा बाहर आया
बैंकॉक (तेज समाचार डेस्क). थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में फंसी अंडर-16 फुटबॉल टीम के सभी 12 सदस्यों को उनके कोच सहित 17 दिन बाद मंगलवार शाम को सुरक्षित निकाल लिया गया. 8 जुलाई को फाइनल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जो आज 10 जुलाई को सुखद अंत के साथ खत्म हो गया. आखिरी दिन कोच इकापोल चांटावांग (25) समेत टीम के 5 सदस्यों को बाहर निकाला गया.
– 23 जून गुफा देखने गई थी टीम
23 जून को गुफा देखने गई टीम बाढ़ की वजह से उसमें फंस गई थी. 9 दिन बाद 2 ब्रिटिश गोताखोरों ने गुफा में फंसे बच्चों को सबसे पहले खोजा था. इस घटना का वीडियो सामने आया था. मुश्किल हालात में भी इतने दिन तक संघर्ष करने वाले टीम के सदस्यों को ‘ब्रिलियंट-13’ नाम दिया गया.
– सबसे छोटा खिलाड़ी आखरी दिन बाहर आया
बचाव अभियान के आखिरी दिन 11वां बच्चा चैनिन विबूरॉन्गैंग बाहर आया. वह जूनियर फुटबॉल टीम का सबसे छोटा साथी है. टीम के सभी सदस्य उसे टाइटन के नाम से बुलाते हैं. उसने 5 साल पहले फुटबॉल खेलना शुरू किया था.
बचाव कार्य में लगे नेवी अफसरों ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला है. इसमें उन्होंने लिखा है कि हमें नहीं पता यह चमत्कार है, विज्ञान है या कुछ और. फिलहाल 13 वाइल्ड बोर (फुटबॉल टीम का नाम) गुफा से बाहर आ चुके हैं.
– ऐसे बाहर लाया गया बच्चों को
एक बच्चे को निकालने का जिम्मा दल के दो गोताखोरों पर था. इनमें एक गोताखोर बच्चे के आगे और एक पीछे था. अगला गोताखोर बच्चे के साथ खुद को रस्सी बांधकर उसे सहारा देते हुए तैरता था. उसके हाथ में ही बच्चे का ऑक्सीजन सिलेंडर होता था. पीछे वाला गोताखोर गुफा में बांधी गई रस्सी के सहारे बच्चे की मदद करता हुआ तैरता था. हर बच्चे और कोच को फुल मास्क और वेट सूट में बाहर लाया गया. ऑपरेशन को केव मेज-बॉटलनेक नाम दिया गया.
– गुफा के मुहाने से 3.2 किलोमीटर दूर फंसे थे बच्चे
गुफा के मुख्य निकास से बच्चों के फंसे होने की जगह 3.2 किलोमीटर दूर थी. इसमें कुछ हिस्सों में पानी था. अंधेरे की वजह से इसमें देख पाना भी मुश्किल था. इसके अलावा संकरे रास्ते अभियान में बड़ी रुकावट थे. थाईलैंड के अलावा अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के 90 गोताखोर बचाव कार्य में लगे थे. एक हजार से ज्यादा जवान और एक्सपर्ट इस अभियान में मदद कर रहे थे.
– रेस्क्यू में एक गोताखोर की मौत
बच्चों को बचाने की कोशिश में थाईलैंड की नौसेना के एक पूर्व गोताखोर की 6 जुलाई को मौत हो गई थी. समन कुनन (38) बच्चों के पास रसद पहुंचाने के बाद लौट रहे थे. ऑक्सीजन की कमी के चलते वे रास्ते में बेहोश हो गए थे. बाद में उनकी मौत हो गई. कुनन ने नौसेना छोड़ दी थी, लेकिन बच्चों को बचाने के लिए वे लौटे थे.
– ब्रिटिश गोताखोर बने हीरो
ब्रिटिश गोताखोर जॉन वोलेंनथन और रिक स्टैटन रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो हैं. दोनों ने ही गुफा में फंसे बच्चों को सबसे पहले खोजा. ये बच्चे कीचड़ के बीच एक छोटी सी चट्टान पर बैठे मिले थे. जॉन ने जब उनसे पूछा कि आप कितने लोग हो? तो अंदर से आवाज आई- तेरह. गोताखोरों ने कहा कि सबसे पहले आने वाले हम हैं, लेकिन अभी बहुत सारे लोग तुम्हारी मदद के लिए आएंगे.
– सुपर थर्टीन
टाइटन (11)
पनुमास सांगदी (13)
दुगनपेच प्रोमटेप (13)
सोमेपोंग जाइवोंग (13)
मोंगकोल बूनेइआम (13)
नात्तावुत ताकमरोंग (14)
प्राजक सुथम (14)
एकरात वोंगसुकचन (14)
अब्दुल समुन (14)
पिपत बोधी (15)
पोर्नचई कमुलांग (16)
पीरापत सोमपिआंगजई (17)
कोच इकापोल चांटावांग (25, कोच)