जलगांव: ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – चार हॉस्पिटल से इलाज करने पर भी पैर की तकलिफ ठिक नहीं होने पर आखिर में पैसों की कमी से जहांगीर बाबू तडवी को हॉस्पिटल से घर आना पड़ा। लेकिन तकलिफ सहन न होने से आखिर में खुद का पैर चाकु से चचेरेभाई से कटवाना पड़ा। अभी जहांगीर की प्रकृती अच्छी हैं। लेकिन उसे अभी भी इलाज की आवश्यकता होने की बात मेडीकल सूत्रों ने कहीं। सावखेडासीम के जहांगीर बाबू तडवी टॅ्रक्टरचालक हैं। २९ जून को अचानक उसके बाए पैर में खुन जमा होने जैसा हुआ। जिसके कारण उसका पैदल चलाना बंद हुआ। उसके परिवारवालों ने फैजपूर, सावदा, भुसावल के निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए दाखिल किया। लेकिन पैर की तकलिफ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। आखिर में जलगांव के डा. चेतन कांकरिया के हॉस्पिटल में दाखिल करने पर भी पैर ठीक नहीं होने से उसे मुंबई, औरंगाबाद जाने की सलाह दी गई। लेकिन पैसें ना होने, परिस्थिती खराब होने से उसे घर वापस लाया गया। २१ जूलाई को पैर में पल्स बढऩे पर पैदल चलना बंद हो गया। पैर की तकलिफ जादा होने से जहांगिर के चचरे भाई अकबर हसन तडवी ने धारदार चाकु से पैर को काटा एवं तत्काल उसके पैर का ड्रेसिंग करके प्राथमिक स्वास्थ कें द्र में लेकर गए। अभी उसका इलाज सावखेड़ासीम के मेडिकल अधिकारी डा. उमाकांत बारी प्राथमिक इलाज कर रहें हैं।