पुणे (तेज समाचार डेस्क). राज्य सरकार के निर्देशानुसार महापालिका प्रशासन की ओर से शहर में विगत तीन दिनों से प्लास्टिक पर जोरदार कार्रवाई की जा रही है. लेकिन अब प्रशासन पर राजनैतिक दबाव आने लगा है. व्यापारी पहले से भाजपा को समर्थन देती आयी है, ऐसे में अब व्यापारी इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. नगरसेवकों को भी इस विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से अब सत्ताधारी भाजपा ने यह कार्रवाई धीमी करने के लिए प्रशासन पर दबाव डाला है. इस वजह से महापालिका आयुक्त को भी अब घनकचरा विभाग को निर्देश देने पड़े कि कार्रवाई धीमी करें. नतीजा घनकचरा विभाग ने भी अब यह कार्रवाई धीमी कर दी है.
– हाई कोर्ट के निर्देशानुसार की जा रही कार्रवाई
प्रशासन के अनुसार प्लास्टिक पाबंदी पर अमल करने के सभी अधिकार सरकार की ओर से महापालिका आयुक्त, स्वास्थ्य प्रमुख, उपायुक्त, वॉर्ड ऑफिसर व स्वास्थ्य निरीक्षकों को दिए गए हैं. इस लोगों के अलावा अब मनपा ने इस अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया है. उसके लिए अतिरिक्त आयुक्त के नियंत्रण में दो जांच समितियों का गठन किया गया था. इसमें शहर स्तर पर कचरा प्रबंधन समिति व दूसरी परिमंडल कार्यालय स्तर पर समिति बनायी गयी है. क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर बैग संकलन के लिए विशेष प्रबंधन किया गया है. सरकार की ओर से 23 मार्च को प्लास्टिक पर पाबंदी का निर्णय लिया गया था. इस वजह से जिन व्यावसायियों के पास बैग शेष बचे हैं, ऐसे व्यावसायियों को बैग जमा करने के लिए कहा गया है. फिर भी ये विक्रेता बैग बेच रहे हैं. ये लोग कम दामों में ये थैलियां बेच रहे हैं. इस वजह से महापालिका प्रशासन की ओर से इन व्यावसायिकों पर कार्रवाई की जा रही है. 23 जून से यह कार्रवाई और सख्त करने का मन मनपा प्रशासन ने बना लिया था. उसका महापालिका प्रशासन की ओर से इसका पूरा नियोजन तैयार कर लिया गया था. उसके अनुसार महापालिका प्रशासन की ओर से शनिवार से सख्ती से कार्रवाई की जा रही थी. राज्य सरकार के निर्देशानुसार व कोर्ट के निर्णय के अधीन रहकर ही प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई की जा रही थी. लेकिन अब प्रशासन पर राजनैतिक दबाव आ रहे हैं.
– प्रशासन की निकाली जा रही है खामियां
महापौर मुक्ता तिलक ने हाल ही में प्रशासन से कहा था कि विगत दो दिनों से शहर में राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्लास्टिक बेचनेवालों पर कार्रवाई की जा रही है. लेकिन हमारे पास इसको लेकर दुकानदारों की कई शिकायतें आ रही है. दुकानदारों द्वारा कहा गया कि नियम से बाहर जाकर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही छुट्टी के दिन भी मनपा के कर्मी कार्रवाई कर रहे हैं. यह बात ठीक नहीं है. इस वजह से प्रशासन रविवार को कार्रवाई ना करें. साथ ही नियमों के अधीन रहकर ही कार्रवाई करें. प्रशासनिक सूत्रों की मानो तो महापौर ने जानबूझकर हमें ऐसे निर्देश दिए हैं. क्योंकि उन पर व्यापारियों का पूरी तरह से दबाव आ रह है. साथ ही नगरसेवकों को भी अपने इलाके में व्यापारियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
पहले से ही भाजपा तो व्यापारियों का समर्थन करते आ रही है, ऐसे में अब इस निर्णय की वजह से कार्रवाई हो रही है. लेकिन नगरसेवक भी कुछ नहीं कर पा रहे है. इस वजह से सत्ताधारियों ने सिधा प्रशासन पर दबाव डालना शुरू किया है. इस वजह से प्रशासन की इस तरह की खामियां निकाली जा रही है. इस वजह से महापालिका आयुक्त को भी अब घनकचरा विभाग को निर्देश देने पड़े कि कार्रवाई धिमी करें. नतीजा घनकचरा विभाग ने भी अब यह कार्रवाई धिमी की है.
– मंगलवार को सिर्फ 3 हजार किलो जब्त
प्रशासन ने जब शनिवार से कार्रवाई शुरू की थी, तब पहले ही दिन 7 हजार किलो प्लास्टिक जब्त किया गया था. साथ ही 2 लाख से अधिक रुपए का दंड वसूला गया था. लेकिन अब राजनैतिक दबाव के चलते यह कार्रवाई धिमी हो गयी है. मंगलवार के दिन प्रशासन की ओर से सिर्फ 3 हजार किलो प्लास्टिक ही जब्त किया गया. तो 30 व्यापारियों से दंड वसूला गया. इससे तय हो रहा है कि प्रशासन दबाव में आकर ही काम कर रही है.