मुंबई (तेज़ समाचार प्रतिनिधि):बढ़ते सड़क हादसों का हवाला देते हुए सुप्रीमकोर्ट ने हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य को सालाना करीब 5,000 करोड़ रूपए का वार्षिक नुकसान होने का अंदेशा है। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में करीब 13,000 परमिट रूम और बार के लाइसेंस वापस ले लिए .हाइवे से 500 मीटर की दूरी पर बंद हुई शराब की दुकानों से राज्य सरकार को बढ़ा आर्थिक फटका लग रहा है।
हजारों करोड़ के नुकसान, शराब कंपनियों के दबाव और बेरोजगारी कम करने के लिए स्थानीय निकायों की आड़ में सरकार ने शराब की बिक्री फिर शुरू करने का संकेत दिया है।
मुंबई के पश्चिमी और पूर्वी हाइवे हस्तांतरण एमएमआरडीए को सौंप दिया गया है जबकि विदर्भ में यवतमाल,मराठवाड़ा में जालना,लातूर,औरंगाबाद और नांदेड में हाइवे का वर्गीकरण किया जा रहा है, ताकि इन स्थानीय निकायों को हाइवे दिया जा सके। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों के बाद सरकार हाइवे को 25 महानगरपालिका को सौंप देगी। सरकार की योजना है कि हावइे के मरम्मत कार्य का काम स्थानीय निकायों को सौंप दिया जाए। अब हाइवे के मरम्मत कार्य के लिए उन्हें पैसे की जरूरत पड़ेगी।
एक सूचना के अनुसार, राष्ट्रीय व राज्यीय हाइवे की देखभाल और दुरुस्ती पर सालाना डेढ़ से ढाई हजार करोड़ रूपए का खर्च आता है, जो महानगरपालिका यह खर्च उठाने को तैयार है उन्हें प्राथमिकता के तौर पर हाइवे हस्तांतरित कर दिया जाएगा और जो महानगरपालिका या स्थानीय निकाय हाइवे के रिपेयरिंग का भार उठाने में सक्षम नहीं है उसकी मदद राज्य का लोकनिर्माण विभाग करेगा।