जामनेर (तेज समाचार प्रतिनिधि). कोई भी समाज, देश वास्तविक रूप से तभी विकास करता है, जब वहां के लोग अपनी मानसिकता में परिवर्तन करते है. अन्यथा भौतिक रूप से हम कितना भी विकास कर लें, लेकिन जब तक हम अपनी मानसिकता नहीं बदलते, तब तक विकास की बात करना भी फिजुल है. इन दिनों सभी स्तरों पर जाति-भेद मिटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन समाज के कुछ लोग ऐसे भी है, जो सार्वजनिक तौर पर तो जातिवाद का विरोध करते है, लेकिन वास्तविक जीवन में उनकी जातिवादी कट्टरता दिल दहला देनेवाली होती है. शुरू से ही हमारे समाज में दलितों को उपेक्षा की नजरों से देखा जाता है. इसी कारण कई लोगों ने दलितों के उत्थान के लिए पूरी शिद्दत के साथ प्रयास किए. इन प्रयासों को सफलता भी मिली है, लेकिन कुछ लोग आज भी इन प्रयासों को विफल करने में जुटे रहते है. परिणाम स्वरूप कई शहरों-गांवों में आज भी दलितों को हेय दृष्टि से ही देखा जाता है.
घटना जामनेर तहसील के वाकड़ी गांव की है, जहां दलित समाज के 2 नाबालिग बच्चों को सिर्फ इसलिए नंगा करके पीटा गया, क्योंकि इन बच्चों ने खेत में बनी बावड़ी में नहाने की जुर्रत की. इस घटना का वीडियो भी किसी ने बना कर सोशल मीडिया पर जारी कर दिया है, जिस कारण इस घटना की निंदा की जा रही है. वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक वाकड़ी गांव में कुछ दिन पहले दोपहर करीब 3 बजे अनू जाति (मातंग) समाज के 7-8 नाबालिग बच्चे एक खेत में बनी बावड़ी में तैरने गए थे. तभी खेत का मालिक प्रल्हाद कैलास लोहार उर्फ सोन्या अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंच गया और उसने बावड़ी में नहाते बच्चों को देख लिया. दलितों के बच्चों को बावड़ी में नहाते देख प्रल्हाद गुस्से से आगबबूला हो गया. उसने बच्चों को बावड़ी के बाहर आने के लिए कहा. डरे-सहमे सात-आठ दलित बच्चे लोहार का रौद्र रूप देखकर भाग खड़े हुए. लेकिन लोहार ने उनका पीछा किया, तो उसके हाथ दो बच्चे लग गए. लोहार ने दोनों बच्चों को पकड़ कर खेत के एक कच्चे मकान की दीवार से सटाकर खड़ा किया. इसके बाद उसने बच्चों के कपड़े उतरवाए. इसके बाद लोहार ने कमर के पट्टे से दोनों बच्चों की बेरहमी से गब्बर स्टाइल से पिटाई करना शुरू कर दिया.
इस दौरान लोहार के सहयोगी ईश्वर बलवंत जोशी ने इस पूरी वारदात को अपने स्मार्ट फ़ोन में वीडियो बना कर कैद कर लिया. जोशी की मंशा लोहार की इस दिलेरी को लोगों तक पहुंचाने की थी, लेकिन इसका उल्टा हो गया. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने इस घटना की जमकर कड़ी निंदा की. वीडियो का संज्ञान लेकर हरकत में आए समाज के संवेदनशील लोगों ने नाबालिगों के साथ हुई इस अमानवीयता के खिलाफ आवाज उठाई और न्याय की गुहार लगाते हुए गुरुवार को पहुर थाने पहुंच गए. पुलिस ने वीडियो की सत्यता की जांच करने के बाद प्रल्हाद लोहार और ईश्वर जोशी के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून 1989 की धाराएं, बाल यौन शोषण प्रताडना निरोधक कानून तथा सूचना तकनीकी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले की जांच सहायक पुलिस निरीक्षक मोहन बोरसे कर रहे है.
सोशल मीडिया के कारण क्षेत्र मे घटी इस गंभीर घटना के उजागर होने से लोगों में सनसनी मच गयी है. विशेष रूप से जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन के निर्वाचन क्षेत्र में यह मामला प्रकाश में आने के बाद दलितों की सुरक्षा को लेकर शाश्वत सामाजिक माहौल के उम्मीद के बीच यह मसला काफी तूल पकड़ने लगा है.