नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – गणतंत्र दिवस समारेाह के बाद सोमवार शाम को राजधानी में बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम ख़त्म हुआ । विजय चौक पर आयोजित समारोह में 26 प्रदर्शन हुए । इसमें 18 सैन्य, 15 पाइप और ड्रम बैंड शामिल थे ।
‘बीटिंग द रिट्रीट’ चार दिवसीय गणतंत्र दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोहों के अंत का प्रतीक है। विजय चौक पर होने वाले ‘बीटिंग द रिट्रीट’ में तीनों सेनाओं की ओर से 26 परफार्मेंस दी गई ।
यह गणतंत्र दिवस समारोह की आखिरी परंपरा है, जो 1950 से चली आ रही है। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में 18 मिलिट्री बैंड और 15 पाइप एंड ड्रम बैंड ने हिस्सा लिया। 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने काफिले के साथ विजय चौक पहुंचे। इस मौके पर तीनों सेनाओं के साथ पुलिस और पैरामिलिट्री के बैंड ने 26 मनमोहक धुनों पर मार्च करते हुए उन्हें सलामी दी।
इस बार तीनों सेनाओं के मिलिट्री बैंड ने सारे जहां से अच्छा, वंदेमातरम् जैसी 26 धुनों पर मार्च किया। इनमें से 25 धुन भारतीय संगीतकारों ने तैयार कीं। तीन सेनाओं के बैंड ने एक साथ अपने सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी। इस समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत कई देशों से आए गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
क्या होता है ‘बीटिंग द रिट्रीट’
‘बीटिंग द रिट्रीट’ सैन्य व अर्द्ध सैन्य बलों की प्राचीन परम्परा है। युद्ध के बाद जब सैन्य टुकड़ियां वापस अपने कैंपों में लौटती थीं तो युद्ध के तनाव को कम करने एवं मनोरंजन के लिए बैंड की प्रस्तुति का कार्यक्रम रखा जाता था। भारत में इस कार्यक्रम के साथ ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों की औपचारिक समाप्ति होती है।
कार्यक्रम में पुलिस ब्रास बैंड द्वारा हिन्दी व अंग्रेजी की क्लासिकल धुनों के साथ ही नई एवं पुरानी हिन्दी फिल्मों के 10 चुनिंदा गानों की आकर्षक संगीतमय प्रस्तुति दी जाती हैं। तीनों बैंड द्वारा मार्चपास्ट करते हुए बैंडवार व सामूहिक प्रस्तुतियां भी होती हैं। संगीतमयी प्रस्तुतियों का समापन ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ धुन से होता है। इसके साथ ही आतिशबाजी भी की जाती है।