शिरपुर ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) :रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मनकी बात को शिरपुर तहसील क्षेत्र के आदिवासी बहुल क्षेत्र बोराड़ी में रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से सैकड़ों लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश को सुना ।
 भाजपा शिरपुर तहसील अध्यक्ष के अलावा कार्यकर्ताओं ने रविवार को दर्जनों ग्रामीणों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात सुनी जहां प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली के छह दिन बाद मनाए जाने वाला महापर्व छठ, हमारे देश में सबसे अधिक नियम निष्ठा के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है | जिसमें खान-पान से लेकर वेशभूषा तक, हर बात में पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है | छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है | सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं, तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंदमूल, इनकी पूजन-विधि से जुड़ी अभिन्न सामग्रियाँ हैं | आस्था के इस महापर्व में उगते सूर्य की उपासना और डूबते सूर्य की पूजा का सन्देश अद्वितीय संस्कार से परिपूर्ण है | दुनिया तो उगने वालों को पूजने में लगी रहती है लेकिन छठ-पूजा हमें, उनकी आराधना करने का भी संस्कार देती है जिनका डूबना भी प्रायः निश्चित है | हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समाई हुई है | छठ से पहले पूरे घर की सफाई, साथ ही नदी, तालाब, पोखर के किनारे, पूजा-स्थल यानि घाटों की भी सफाई, पूरे जोश से सब लोग जुड़ करके करते हैं | सूर्य वंदना या छठ-पूजा – पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व है | इस मौके पर शिरपुर तहसील के बोराड़ी गाँव में शिरपुर तहसील अध्यक्ष राहुल रंधे के नेतृत्व में ग्राम पंचायत अध्यक्ष सदस्यों सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे ।
भाजपा शिरपुर तहसील अध्यक्ष के अलावा कार्यकर्ताओं ने रविवार को दर्जनों ग्रामीणों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात सुनी जहां प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली के छह दिन बाद मनाए जाने वाला महापर्व छठ, हमारे देश में सबसे अधिक नियम निष्ठा के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है | जिसमें खान-पान से लेकर वेशभूषा तक, हर बात में पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है | छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है | सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं, तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंदमूल, इनकी पूजन-विधि से जुड़ी अभिन्न सामग्रियाँ हैं | आस्था के इस महापर्व में उगते सूर्य की उपासना और डूबते सूर्य की पूजा का सन्देश अद्वितीय संस्कार से परिपूर्ण है | दुनिया तो उगने वालों को पूजने में लगी रहती है लेकिन छठ-पूजा हमें, उनकी आराधना करने का भी संस्कार देती है जिनका डूबना भी प्रायः निश्चित है | हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समाई हुई है | छठ से पहले पूरे घर की सफाई, साथ ही नदी, तालाब, पोखर के किनारे, पूजा-स्थल यानि घाटों की भी सफाई, पूरे जोश से सब लोग जुड़ करके करते हैं | सूर्य वंदना या छठ-पूजा – पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व है | इस मौके पर शिरपुर तहसील के बोराड़ी गाँव में शिरपुर तहसील अध्यक्ष राहुल रंधे के नेतृत्व में ग्राम पंचायत अध्यक्ष सदस्यों सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे । 
			
