ढाका. रविवार को एशिया कप हॉकी 2017 के फाइनल में भारत ने मलेशिया को 2-1 से हरा दिया. इस तरह भारत ने 10 साल बाद पुरुष हॉकी का एशिया कप जीत लिया. कुल मिलाकर भारत ने तीसरी बार ये ट्रॉफी जीती है. मैच का पहला हाफ खत्म होने पर भारत ने 2-1 की बढ़त ली थी. शुरू से ही भारत ने अटैकिंग स्ट्रैटेजी अपनाई. रमनदीप सिंह ने मलेशिया के डिफेंस को चकमा देते हुए गोल पोस्ट में गेंद डाल दी. इसके बाद ललित उपाध्याय ने भारत की लीड को बढ़ा दिया. ललित ने शनिवार रात पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में भी गोल किया था. भारत ने सेमी में पाकिस्तान को हराया था. ग्रुप 4 स्टेज में भारत ने मलेशिया को 6-2 से हराया था.
खेल का चौथा क्वार्टर शुरू होते ही मलेशिया के प्लेयर्स ने इंडियन डी पर हमले तेज कर दिए. लेकिन, भारतीय टीम के डिफेंस विंग ने उन हमलों को नाकाम कर दिया. इस दौरान मलेशिया को एक पेनल्टी कॉर्नर भी मिला लेकिन वो इसको गोल में तब्दील नहीं कर सकी. हालांकि, इसी क्वार्टर में मलेशिया ने एक गोल किया. आखिरी वक्त में मलेशिया का खेल देखकर लगा कि वो बराबरी कर सकते हैं. लेकिन, भारत के डिफेंस ने ऐसा होने नहीं दिया.
भारत ने इससे पहले 2007 में चेन्नई में एशिया कप जीता था. मैच के तीसरे मिनट में भारत की तरफ से पहला गोल रमनदीप सिंह ने किया. इसके बाद, 29वें मिनट में ललित उपाध्याय ने भारत की बढ़त 2-0 कर दी. मलेशिया ग्रुप 4 स्टेज में भारत से 6-2 के बड़े अंतर से हारा था. फाइनल में उसने बेहतर खेल दिखाया. भारत के बढ़त लेने के बाद मलेशिया के शारिल सबाह ने 50वें मिनट में भारत की लीड को 2-1 कर दिया.
– सेमीफाइनल में पाकिस्तान को किया था बाहर
यह एशिया कप पुरुष हॉकी का 10वां एडिशन है. भारत इस वक्त वर्ल्ड रैंकिंग में छठवें नंबर पर है. शनिवार को उसने मैदानी गोलों के अलावा पेनॉल्टी कॉर्नर में भी अपनी काबिलियत दिखाई. पहले हाफ में हावी रहने वाली पाकिस्तान टीम सेमीफाइनल में कोई गोल नहीं कर पाई थी. दूसरे हाफ के शुरू से ही पाकिस्तान दबाव में था. भारतीय टीम ने ज्यादातर वक्त गेंद पाकिस्तान की डी में ही रखी. भारत की तरफ से सतबीर सिंह ने 39वें, हरमनप्रीत ने 51वें, ललित उपाध्याय ने 52वें और गुरजंत सिंह ने 57वें मिनट में गोल किए. इस साल पाकिस्तान पर भारत की ये चौथी जीत थी. हॉकी वर्ल्ड लीग जो लंदन में खेली गई थी, वहां भी भारत ने पाकिस्तान को दो बार हराया था. इसके बाद पूल स्टेज में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था.