- – चीन की भारत को धमकी
- यह चीन और सिक्किम के बीच का मामला है
- भारत थर्ड पार्टी के रूप में न करें हस्तक्षेप
नई दिल्ली. डोकलाम सीमा विवाद को लेकर चीन ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है. चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि डोकलाम मसला चीन-भूटान का आपसी विवाद है. इसमें थर्ड पार्टी के तौर पर भारत को दखल नहीं देना चाहिए. यदि भारत इस मामले में हस्तक्षेप करता है, तो चीन भी भारत-पाकिस्तान के कश्मीर मसले पर कश्मीर पर हस्तक्षेप करेगा. और यह भारत के लिए बहुत खतरनाक होगा क्योंकि अगर कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने अपील की तो चीन की आर्मी वहां विवादित एरिया में घुस सकती है, जिसमें भारत के अधिकार वाला कश्मीर भी शामिल है.
बता दें कि डोकलाम विवाद पर हल निकालने की कोशिशें जारी हैं. भारत के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजीत डोभाल बीजिंग में हैं. गुरुवार को उन्होंने चीन के एनएसए यांग जिआची से मुलाकात की. डोभाल अाज शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गुरुवार को अपने एक आर्टिकल में भारत को ये धमकी दी है. झांग यी के इस आर्टिकल में कहा गया है कि भूटान की ओर से भारत से कोई मदद नहीं मांगी गई थी, लेकिन भारत फिर भी इस मुद्दे में अपना अड़ंगा लगा रहा है. अखबार ने लिखा है, कि भूटान सरकार की तरफ से जारी 29 जून के बयान में भारत सरकार से मदद मांगने का कोई जिक्र नहीं था. डिप्लोमैटिक सूत्रों के मुताबिक भूटान सरकार को तो भारत की घुसपैठ के बारे में भी नहीं मालूम था.
ज्ञात हो कि कि डोकलाम में 42 दिन से भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं. ये इलाका एक ट्राई जंक्शन (तीन देशों की सीमाएं मिलने वाली जगह) है. चीन यहां सड़क बनाना चाहता है, लेकिन भारत और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं.
डोकलाम सीमा से नहीं हटेगी भारतीय सेना
भारत ने डोकलाम से अपनी सेनाएं बिना शर्त वापस बुलाने की चीन की मांग ठुकरा दी है. चीन के सरकारी न्यूज पेपर पीपुल्स डेली के एक रिपोर्टर के सवाल पर इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने ये जवाब दिया है. बागले ने कहा, कि हमने डोकलाम मसले पर अपना नजरिया और रास्ता खोजने के तरीके को चीन के सामने साफ कर दिया है. बागले ने ये भी कहा, सीमा के मसले को निपटाने के लिए दोनों देशों के बीच पहले से एक सिस्टम बना हुआ है और मौजूदा विवाद को लेकर भी हमें उसी दिशा में आगे बढ़ना होगा. इंटरनेशनल कम्युनिटी ने इस बात का सपोर्ट किया है कि इस मुद्दे का हल बातचीत से होना चाहिए. हमने इंटरनेशनल लेवल पर अपने नजरिए को साफ कर दिया है.