नई दिल्ली. देश के 71वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से जब देश को संबोधित कर रहे थे, तभी एक काले रंग की पतंग कहीं से कट कर आयी और ठी नरेन्द्र मोदी के सामने नीचे गिर गई. पतंग को देखते ही मोदी की सुरक्षा में वहां खड़े सुरक्षा रक्षक और अधिकारी कुछ देर के लिए हक्का बक्का रह गए, लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आया, लेकिन मोदी ने इस घटना को बिल्कुल भी रिएक्ट नहीं किया और उन्होंने अपना भाषण जारी रखा.
– भौचक्के रह गए सुरक्षा अधिकारी
लाल किले की प्राचीर से नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे. करीब 56 मिनट की इस स्पीच के आखिरी दौर में पीएम देश के विकास का जिक्र कर रहे थे. इसी दौरान, इस काले रंग की पतंग लहराती हुई आई और पीएम के पोडियम के करीब आकर गिरी. मोदी पर इस घटना का कोई असर नहीं पड़ा. उन्होंने एक नजर उस पतंग पर डाली और फिर अपना भाषण जारी रखा. इस घटना से लाल किले पर पीएम की मौजूदगी और इसी दौरान उनकी सिक्युरिटी पर सवाल जरूर खड़े हो गए. 500 स्पेशल कमांडो के अलावा दिल्ली पुलिस के करीब 9100 जवानों को सिक्युरिटी के लिए लगाया गया था. जमीन से हवा तक सिक्युरिटी बेहद सख्त थी. कई वीवीआईपी मेहमान मौजूद थे.
– प्रधानमंत्री के भाषण की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के साथ जन्माष्टमी मना रहा है. मैं देख रहा हूं कि मेरे सामने बहुत बड़ी मात्रा में बाल कन्हैया भी मौजूद हैं. सुदर्शन चक्रधारी मोहन से लेकर चरखाधारी मोहन तक, ऐसी ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत के हम धनी हैं.’
‘जम्मू कश्मीर का विकास, उन्नति, सपनों को पूरा करने का प्रयास.. ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ हर आदमी का काम है. कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाएं, इसको लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. बयानबाजी होती है, हर आदमी एक-दूसरे को गाली देने को तैयार रहता है. मुट्ठीभर अलगाववादी नए फैसले लेते हैं, पैंतरे करते हैं. ये समस्या ना गाली से सुलझने वाली है, ना गोली से सुलझने वाली है, समस्या सुलझने वाली है… कश्मीरी लोगों को गले लगाने से.’
‘आतंकवाद के खिलाफ नरमी नहीं बरती जाएगी. बार-बार हमने कहा है कि आप मुख्यधारा में आइए. लोकतंत्र में बात करने का अधिकार है. मुख्यधारा ही हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा भर सकती है. हमारे सुरक्षा बलों के प्रयास से बड़ी मात्रा में नौजवानों ने सरेंडर किया मुख्यधारा से जुड़ने की कोशिश की.’
‘30-40 साल से हमारी सेना के लिए वन रैंक वन पेंशन का मामला लटका हुआ था, हमने इसे पूरा किया. इससे उनकी ताकत बढ़ जाती है.’
‘आज भारत सरकार ऐसी वेबसाइट लॉन्च कर रही है, जिसमें गैलेंट्री अवार्ड पाने वालों के लिए पोर्टल शुरू किया जा रहा है. देश की नई पीढ़ी को वीर बलिदानियों के बारे में जानकारी मिलेगी.’
‘हमारा देश हमारी सेनाएं, वीर. सिर्फ आर्मी और एअरफोर्स ही नहीं.. सारे यूनिफॉर्म फोर्सेंस ने जब-जब मौका आया, ये कभी बलिदान से पीछे नहीं हटे. आतंकवाद, नक्सलवाद हर एक का सामने बलिदान से पीछे नहीं हटे. सर्जिकल स्ट्राइक का लोहा सभी को मानना पड़ा. देश की सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. समंदर हो या सीमा हो, हर प्रकार की सुरक्षा करने में भारत सामर्थ्यवान है. देश के खिलाफ कुछ भी करने वालों के हौसले पस्त करने वालों के लिए हम सामर्थ्यवान हैं.’
‘नोटबंदी का फैसला हमने किया है. कालाधन जो छिपा था, वो मुख्य धारा में आया. हमने सहूलियत भी दी थी, डेडलाइन बढ़ाई ताकि लोगों को नोट बदलने का मौका मिले.’
‘गरीबों को लूटने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं. गरीबों, मेहनतकशों को ईमानदारी की प्रेरणा मिल रही है. आज ईमानदारी का उत्सव मनाया जा रहा है. बेनामी संपत्ति रखने वाले, कितने सालों तक कानून लटके पड़े थे. कम समय में हमने 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली. ये सामान्य आदमी के मन में एक विश्वास पैदा करता है कि देश ईमानदार लोगों के लिए है.’
‘3 साल के भीतर करीब सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन हमने पकड़ा और सरेंडर करवाया. पौने 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा राशि शक के घेरे में है. 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन बैंकों तक आया. 1 अप्रैल से 5 अगस्त तक इनकम टैक्स दाखिल करने वाले नए लोग 56 लाख हो गए हैं. पिछले साल यही संख्या 26 लाख थी. 18 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी आय हिसाब-किताब से ज्यादा है. इस अंतर का उन्हें जवाब देना पड़ रहा है. साढ़े चार लाख करोड़ लोग अब रास्ते पर आने की कोशिश कर रहे हैं. 1 लाख लोगों ने कभी इनकम टैक्स का नाम भी नहीं सुना था, आज भरना पड़ रहा है. 3 लाख शेल कंपनियां, जो हवाला का कारोबार करती हैं, उनमें से पौने दो लाख का रजिस्ट्रेशन हमने कैंसल कर दिया. देश का माल लूटने वालों को जवाब देना पड़ेगा.’
‘कभी प्राकृतिक आपदाएं हमारे लिए चुनौती बन जाती है. अच्छी वर्षा देश को फलने-फूलने में बहुत योगदान देती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन का नतीजा है कि कभी-कभी ये प्राकृतिक आपदा संकट भी बन जाती है. पिछले दिनों देश के कई हिस्सों में प्राकृतिक आपदा का संकट आया, पिछले दिनों अस्पताल में हमारे मासूम बच्चों की मौत हुई. इस संकट की घड़ी में सवा सौ करोड़ देशवासियों की संवेदनाएं साथ हैं. मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि इस संकट के वक्त जन सामान्य की सुरक्षा के लिए कुछ भी करने में हम कमी नहीं रहने देंगे.’
‘वो बहनें जो तीन तलाक की वजह से पीड़ित हैं, उन्होंने आंदोलन खड़ा किया. पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ एक माहौल बना. इस आंदोलन को चलाने वाली बहनों का हृदय से अभिनंदन करता हूं. उनकी इस लड़ाई में हिंदुस्तान पूरी मदद करेगा, वे सफल होंगी, ऐसा मुझे भरोसा है.’
‘कभी कभी आस्था के नाम पर लोग ऐसा काम करते हैं कि देश का ताना-बाना उलझ जाता है. ये गांधी और बुद्ध की भूमि है. सबको साथ लेकर चलना हमारी परंपरा का हिस्सा है. आस्था के नाम पर हिंसा को बल नहीं दिया जा सकता है. ये देश स्वीकार नहीं कर सकता है. मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि तब भारत छोड़ो नारा था, आज भारत जोड़ो नारा है. हर व्यक्ति, तबके और समाज के साथ आगे बढ़ना है.’
‘21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से मैन पावर के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. नौजवानों को बिना गारंटी बैंकों से पैसा चले, इसके लिए अभियान चलाया. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के कारण करोड़ों नौजवान पैरों पर खड़े हुए हैं. नौजवान दूसरों को रोजगार दे रहा है. वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बनाने के लिए हमने 20 यूनिवर्सिटियों कहा कि हम आपको 1000 करोड़ की मदद करेंगे. पिछले 3 साल में 6 आईईटी, 7 आईआईएम, 8 नए ट्रिपल आईटी खोलने का काम किया है. माताएं और बहनें भी रात में काम कर सकें, इसलिए लेबर लॉ में बदलाव का कदम उठाया. मेटरनिटी लीव 12 हफ्ते से 26 हफ्ते कर दिया गया.’
‘2018 को 1 जनवरी आएगी. ये सामान्य एक जनवरी नहीं है, मैं नहीं मानता. 21वीं शताब्दी में जन्म लेने वालों के लिए, नौजवानों के लिए ये निर्णायक वर्ष है. वो 18 साल के जब-जब होंगे, वे 21वीं सदी के भाग्यविधाता होंगे. मैं उनका सम्मान और अभिनंदन करता हूं. आप देश की विकास यात्रा में भागीदार बनिए, देश आपको निमंत्रण देता है.’