पुणे (तेज समाचार डेस्क). शिरूर तहसील के भीमा कोरेगांव की घटना की पार्श्वभूमि पर बुधवार को विविध संगठनों ने महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है. इस संदर्भ में आज मंगलवार को पुणे स्टेशन परिसर में विभिन्न संगठनों ने एक साथ आते हुए महाराष्ट्र बंद की आवाज को बुलंद करते हुए भाजपा सरकार और मिलिंद एकबोटे के विरोध में जमकर नारेबाजी की और बुधवार को महाराष्ट्र बंद को सफल बनाने की अपील की. इस समय तनाव पूर्ण हो रही स्थिति से निपटने के लिए तुरंत पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. इस बीच आक्रोशित भीड़ ने पुणे स्टेशन परिसर में पीएमटी की गाड़ियों को रोक कर यात्रियों को नीचे उतरने के लिए मजबूर किया. कई बस चानक बसों को छोड़ कर भाग गए. ऐसे में कुछ पुलिस कर्मियों ने बस का स्टेयरिंग संभाल कर बसों को सड़क किनारे लगाया. यहां संतप्त भीड़ ने सड़क पर साइकिल के टायर आदि जलाए और एक बस के कांच भी फोड़ दिए थे. इससे परिसर में तनाव फैल गया लेकिन पुलिस ने जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण पा लिया. परिस्थितियों को देखते हुए पूरे शहर में कड़ा पुलिस बंदोबस्त कर दिया गया है.
भीमा कोरेगांव भाग में सोमवार को हुई हिंसक घटना का असर बुधवार को पूरे राज्य में देखने को मिला. जिलाधिकारी ने सोमवार को ही जिले में संचार बंदी लागू कर दी थी, जो बुधवार को भी जारी रही. संचार बंदी के कारण शहर की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में होने की जानकारी ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सुएझ हक ने दी. साथ ही हक ने अफवाहों पर कतई ध्यान न देने की अपील भी लोगों से की है.
– शांति बनाए रखने की अपील
भीमा कोरेगांव में हुई हिंसक घटना के बाद गृहराज्य मंत्री दीपक केसरकर, विश्वास नांगरे पाटिल और सुएझ हक इन तीनों ने स्थिति का विस्तृत जायजा लिया और आंबेडकर अनुयायियो को शांत रहने की अपील की है.
उल्लेखनीय है कि १ जनवरी को भीमा कोरेगांव परिसर में स्थित शौर्य स्तंभ को २०० वर्ष पूर्ण हुए है. इस कारण हजारों आंबेडकरी अनुयायी शौर्य स्तंभ का अभिवादन करने के लिए यहां पहुंच थे. लेकिन कुछ ही देर में यहां हुई पत्थर बाजी और आगजनी की घटना के कारण स्थिति तनाव पूर्ण हो गई. इस घटना में एक युवक की मौत हो भी हो गई. खबर के अनुसार 100 से अधिक वाहन जला दिए गए है.
– भीमा कोरेगांव में बंद
शौर्य दिन पर कुछ समाज विरोध लोगों द्वारा हिंसा फैलाने के विरोध में विभिन्न संगठनों ने शहर में बंद रखा और शहर में शांति मोर्चा निकाला. इसके साथ इन इन संगठनों की ओर से हिंसा की घटना की निंदा करते हुए घटना की सीबीआई से जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की. इसके साथ ही इस घटना के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग इन संगठनों द्वारा की गई है. इस आशय का ज्ञापन इन संगठनों की ओर से तहसीलदार बालाजी सोमवंशी को दिया गया. ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई न किए जाने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस समय दौंड शहर के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे.
– संभाजी भिडे, मिलिंद एकबोटे पर एट्रॉसिटी
कोरेगांव भीमा में शौर्य दिन पर हुई हिंसा के मामले के बाद शिव प्रतिष्ठान के संभाजी भिडे और हिंदू एकता आघाडी के मिलिंद एकबोटे के खिलाफ पिंपरी पुलिस थाने में एट्रॉसिटी व दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया गया है. पिंपरी चौक में आंदोलनकर्ताओं द्वारा रास्ता रोको आंदोलन के बाद स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पिंपरी पुलिस ने संभाजी भिडे और एकबोटे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
– पुणे व पिंपरी-चिंचवड़ में बसों पर पथराव
पिंपरी व पुणे में उपद्रवियों ने हडपसर, विश्रातवाडी, खडक, पुणे स्टेशन परिसर में पीएमपी की 8 बसों पर पथराव करते हुए उनके कांच तोड़ दिए. शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए व तनाव पूर्ण स्थिति को देखते हुए SRPF की दो कंपनियां व शीघ्र कृति दल तैनात करने की जानकारी पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला ने दी है. इसके साथ ही सभी पुलिस कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है. पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला ने नागरिकों से किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है.
– मुंबई-पुणे हाईवे बंद
पिंपरी के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक में भीम सैनिकों ने कोरेगांव भीमा की घटना के विरोध स्वरूप पुणे-मुंबई महामार्ग की दोनों लेन करीब साढ़े तीन घंटे के लिए बंद कर दी थी. छत्रपति समस्त हिंदू आघाडी समिति के मिलिंद एकबोटे व शिव प्रतिष्ठान के संभाजी भिडे गुरुजी पर मामला दर्ज करने की मांग की थी. तब अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप देशपांडे ने मामला दर्ज करने के आदेश देने के बाद भिडे गुरुजी व एकबोटे पर जान से मारने का प्रयास, एट्रोसीटी, दंगे भड़काने, दहशत फैलाने, हथियार बंदी जैसे मामले दर्ज करने के बाद भीम सैनिक मुंबई-पुणे महामार्ग से हटे और यातायात सुचारू हो सका.
– पुलिस ने बसों को डिपो में ही रोका
इसी बीच पिंपरी के विशाल टॉकिज में चल रहा शो भी भीड़ ने रुकवाया. इसके बाद वल्लभ आगार में पुलिस ने बसों को बाहर निकलने से रोक दिया.
– शरद पवार ने भी की शांति की अपील
दूसरी ओर राकां सुप्रीमो शरद पवार ने भी मुंबई में पत्रकार परिषद आयोजित राज्य के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से घटना की जांच कराने की भी अपील की. उन्होंने सामाजिक संस्थाओं को आगे आने की अपील करते हुए लोगों को समझाने की अपील की. पवार ने राजनेताओं से भी उग्र बयान न दे कर सामंजस्य बनाए रखने की अपील की.
– 200 वर्षों से कुछ नहीं हुआ
पवार ने कहा कि पिछले 200 वर्षों से शौय दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन कभी भी ऐसी घटना नहीं हुई. पवार ने कहा कि मैंने स्वयं वढू गांव के लोगों से बात कि, तब बताया गया कि पुणे से कुछ हिन्दूत्ववादी संगठनों ने आकर चेतावनी देने से यह हिंसा भड़की है. लेकिन पुलिस ने स्थानीय लोगों पर ही मामले दर्ज किए है, जिनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है.
– राज्य मंत्री केसरकर व विश्वास नांगरे पाटिल ने किया वढू का दौरा
कोरेगांव भीमा में हुई हिंसक घटना का असर आज भी जारी रहा. आज दोहपर को भी नागरिकों ने फिर से आगजनी और तोड़फोड़ की. तनाव पूर्ण स्थिति के बीच राज्यमंत्री दीपक केसरकर व विश्वास नांगरे पाटिल ने पेरणे फाटा के रणस्तंभ व वढू बुद्रुक का जायजा लिया. इसके बाद केसरकर ने शिक्रापुर पुलिस स्टेशन में अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने घटना में मारे में गए व्यक्ति और घटना में घायलों को मुआवजा देने का भी आश्वासन दिया. तनाव पूर्ण स्थिति को देखते हुए कोरेगांव भीमा, सणसवाड़ी परिसर में अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त रखा गया है. मोबाइल के नेटवर्क बंद रखे गए है.