पुणे (तेज समाचार डेस्क). मराठा आंदोलन की आड़ में सोमवार को उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया गया. चाकण के मंडलाधिकारी बालकृष्ण सालुखे व चाकण पुलिस के अनुसार उपद्रवियों ने करीब 8 से 10 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है. इसमें मुख्य रूप से सरकारी गाड़ियों, पुलिस स्टेशन, चौकी, पत्रकार, पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारियों को निशाना बनाकर हमला किया गया. इस मामले में चाकण पुलिस स्टेशन में चार से पांच हजार अज्ञात व्यक्तियों पर केस दर्ज किया गया है. यह जानकारी चाकण पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक संतोष गिरिगोसावी ने दी.
सोमवार को एसटी बससे, पीएमपीएमएल बसेस, पुलिस विभाग की गाड़ियां तथा प्राइवेट गाड़ियों को मिलाकर 35 फोर व्हीलर तथा अन्य गाड़ियों की तोड़फोड़ तथा जलाने की घटनाएं हुई. सकल मराठा आरक्षण को लेकर 4 से 5 हजार लोगों ने हिंसा फैलाकर 8 से 10 करोड़ रुपए का नुकसान किया. ड्यूटी पर तैनात पुलिस निरीक्षक धन्यकुमार गोडसे तथा पुलिस कर्मचारियों पर अजय भापकर पर जानलेवा हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. इस संबंध में सोमवार देर रात 11.55 बजे मामला दर्ज किया गया. खेड उपविभागीय पुलिस अधिकारी राम पठारे के नेतृत्व में चाकण पुलिस स्टेशन के प्रभारी पुलिस निरीक्षक संतोष गिरिगोसावी मामले की जांच कर रहे हैं.
सोमवार को हुई मारपीट, दंगा तथा आगजनी के घटनास्थलों का वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दौरा किया. पुलिस ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज हासिल किए है. कोल्हापुर परिक्षेत्र के आईजी विश्वास नांगरे-पाटिल, पुणे जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी सातपुते ने स्वयं उपस्थित रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
मंगलवार को चाकण में ट्रैफिक सुचारू हो गया. पुणे-नासिक हाई-वे, तलेगांव चौक तथा आंबेठाण चौक, नगर परिषद के सामने 25 वैन रिजर्व फोर्स के 500 जवान तैनात किए गए हैं. घटना स्थल का पंचनामा चल रहा है. हाई-वे पर जले हुए वाहन हटाए गए हैं.
– गुजरात के खिलाड़ियों की बस भी जलाई
गुजरात के पांच जिलों के 47 विद्यार्थी तथा 5 शिक्षक क्रिकेट चयन स्पर्धा में भाग लेने के लिए सांगली जा रहे थे. उन्हें चाकण में असंवेदनशील वातावरण के कारण काफी परेशानी हुई. असामाजिक तत्वों ने उन्हें बस से उतार दिया और बस में आग लगा दी. अन्य राज्यों से आए लोग इस घटना से घबरा गए थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की. उनके रहने तथा खाने की व्यवस्था कर इंसानियत की मिसाल पेश की. मंगलवार की सुबह शिक्षक व विद्यार्थी सुरक्षित रूप से पिंपले जगताप रवाना हुए.