अकोला(तेज़ समाचार के लिए अवेस सिद्दीकी) :स्थानीय इंदिरा नगर अकोट फाइल स्थित ऑगनवाडी केंद्र 90 में एक कार्यक्रम लिया गया जिसमे भारत की पहले महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई गई जिसमे कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में जनलोकशाही आंदोलन संगठन के संस्थापक अध्यक्ष सैय्यद नासीर थे व प्रमुख उपस्तिथि में इरशाद प्रवीण अंसार खान , सेविका रंजना सूर्यवंसी , सेविका चित्रलेखा प्रकाश दांडगे मदरनिस पंचकुलाबाई पाटिल मौजूद थे.
जनलोकशाही आंदोलन संगठन के व कार्यक्रम के अध्यक्ष सैय्यद नासीर ने आपने भाषण में कहा के भारत के इतिहास की सर्वप्रथम महिला शिक्षिकाओं फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले को याद करने का दिन की बधाई हो.
सावित्री फुले और फातिमा शेख ने हिंदुस्तान में लड़कियों का पहला स्कूल 1848 में खोला था, ये स्कूल उस्मान शेख (फातिमा के भाई) के घर में खोला गया था. ज़बरदस्त मुखालफत के बावुजूद, उस दौर में ये कारनामा करने वाली इन अज़ीम शख्सियतों को सलाम. ये वो दौर था जब महिलाओं को तालीम से महरूम रखा जाता था, पिछड़ी जातियों पर तालीम के दरवाज़े बंद थे और महात्मा फुले की जान लेने की कोशिश की गयी थी ऐसे वक्त में सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने जो कारनामा कर दुनिया को दिखा दिया के महिला भी किसी से कम नहीं और सावित्रीबाई फुले को शिक्षिका सावित्रीबाई फुले बनाने में फातिमा शेख का बहुत बड़ा योगदान रहा जिसे भुला पाना संभव नहीं . जब भी दुनिया में कही भी भारत में महिला शिक्षण की बात होंगी तो सब से पहले सावित्रीबाई फुले व फातिमा शेख जैसी हस्तियों का नाम लिया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन सेविका रंजना सूर्यवंसी व आभार प्रदर्शन मदरनिस पंचकुला पाटिल बाई ने किया कार्यक्रम में सेविका चित्रलेखा प्रकाश दांडगे के साथ स्थानीय बड़ी संख्या में महिला व् बच्चे उपस्थित थे