यावल (तेज समाचार प्रतिनिधि). शहर में टायफाईट के मरीजों की संख्या बढ़ी है। हर दिन ग्रामीण अस्पताल में १५ से २० मरीजों पर उपचार होकर अनेको मरीज निजी अस्पताप में भी उपचार ले रहे है। वर्षभर में शहर में लगभग ७० प्रतिशत घरों में एक व्यक्ती टायपाईड का शिकार हुआ है। पानी से होने वाली इस बिमारी के उपाय के रूप में पानी उबाकर पीने की सलाह वैद्यकीय अधिकारी दे रहे है। ज्यादा से ज्यादा मरीज यह शहर के ही होकर उन्हें नगरपालिका द्वारा जल वितरण होता है। शहर के विस्ताारित परिसर की कालोनिओं में यह बिमारी कम मात्रा में है, जहां कुआं द्वारा जल वितरित होता है। शहर में होने वाला जल वितरण यह हतनुर बांध से पानी लेकर वह नगरपालिका के जलशुद्धीकरण केंद्र में शुद्ध करके बाद शहरवासियों को वितरित किया जाता है। पुरानी तरिके का नगरपालिका के जलशुद्धीकरण केंद्र होकर इस केंद्र की नई आधुनिक उपकरण में रूपांतर कर अधिक शुद्ध पानी मिलने की आशा नागरिकों में व्यक्त हो रही हैं।
– ऐसा है फिल्टर
महाराष्ट्र जीवन प्राधिरण द्वारा निर्माण किया फिल्टर स्लो-सॅड तरिके वाला है। जिसमें बड़ी बड़ी सिमेंट टंकियां है। फिल्टर युनिट से तीन चरण में हर दिन ९.२ दशलक्ष लीटर पानी शुद्ध किया जाता है। शुरूआत में पानी पत्थरों की जाली वाली टंकी में जाता है। जिसके बाद पानी में क्लोरिन व ब्लिचिंग डालकर पानी शुद्ध किया जाता है। इस पानी को शहर में वितरित किया जाता है।
– प्रत्येक घर में मरीज
टायफाईड यह पानी से होने वाली बिमारी शहर में बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। हर दिन १५ से २० मरीजों पर उपचार हो रहे है। जिससे नागरिको ने पानी उबालकर पीने की सलाह अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी डा.रश्मी पाटील ने दी।