जामनेर (नरेंद्र इंगले ):6 अप्रैल को होनेवाले आम चुनाव के लिये राजनीतीक मैदान सज चुका है , भाजपा विकास के नाम पर तो विपक्ष विकास कि आड मे सत्तापक्ष द्वारा हुये भ्रष्टाचार और कुशासन के नाम पर चुनाव लडने को तैय्यार है . वर्तमान मे नगर कि गलीयो मे करीब 100 करोड कि विकास योजनाओ के काम शुरु है जिनके कार्यान्वयन के दौरान खराब हुयी 112 किमी लंबी सडको के निर्माण के लिये 65 करोड रुपयो का निधी खर्च होना प्रस्तावीत है . वहि बदहाली से उखडी सडको कि धुलभडक्के से परेशान आवाम कि पलके , फेफडो कि बीमारीयो के चलते विकास कि चकाचौंध से मानो भिग सी गयी है , मुख्य सडक कि फ़ोरलेन परीयोजना ने कमाल कि रफ्तार पकड ली है , जो शहर कि सुंदरता मे इजाफ़ा करने इतनी क्षमता जरुर प्राप्त कर चुकि है .
इतने विशाल विकास के बावजूद पार्टी कार्यकर्ता के हैसीयत से मंत्री गिरीश महाजन स्वयम नगर मे डेरा डाले है जो मतदाताओ मे चुनाव को लेकर अन्य अवधारणाओ को जगह देने के लिये मुफीद साबीत हो रहा है , पहली लोकनियुक्त ओबीसी महिला नगराध्यक्षा के लिये मंत्रीजी की पत्नी श्रीमती साधना महाजन के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस ने सामाजिक अनूपात के तहत प्रो श्रीमती अंजली पवार को प्रत्याशी बनाया है . यह संघर्ष इस लिये रोचक बनता है क्यो की स्वर्गीय जगन झालटे के सरपंचकि के 28 बरसो बाद माली समाज को प्रतीनीधीत्व का अवसर मिला है , इसी बीच परीवर्तनवादी संगठनो ने शहर मे अच्छी खासी जमीन बना ली है . ऐसे मे राजनीतीक विचारको के मुताबीक मंत्रीजी कि साख के साथ समुदाय विशेष कि अस्मीता का विषय बने इस चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले हो सकते है .
चुनाव कि उपरी परत भले हि विकास से लबालब दिखायी पड रहि हो और विकास कि रफ्तार सडको पर संचालित तकनीकि संसाधनो के कारण युद्धभूमी मे बदल चूकि हो बावजूद इस के दोनो प्रतीद्वंद्वी दलो कि रणनीती हि होगी जो शाश्वत जीत को आश्वस्त कर सकेगी . बहरहाल 26 मार्च को नामांकन वापसी कि अंतीम प्रशासनीक प्रक्रिया संपन्न होनी है . वहि जातीवैधता दाखिले के अभाव से चुनाव मैदान से वार्ड नं 4 और 5 से बाहर खदेडे गयी गठबंधन की दो महिला ओबीसी प्रत्याशीयो नामांकन पर मामला कोर्ट मे लंबीत है , जिसको मुद्दा बनाकर विपक्ष हमलावर बना रहेगा .