चैन्नई. रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कल अवादि, चैन्नई में लड़ाकू वाहन अनुसंधान और विकास स्थापना (सीवीआरडीई) का प्रथम दौरा किया. डीआरडीओ के चेयरमैन और अनुसंधान एवं विकास रक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस क्रिस्टोफर और सीवीआरडीई के विशिष्ट वैज्ञानिक एवं निदेशक डॉ. पी सिवकुमार ने लड़ाकू वाहन और प्रौद्योगिकी में सीवीआरडीई द्वारा चलाये जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रमों और इनकी उपलब्धियों पर संक्षिप्त प्रस्तुति दी.
सीवीआरडीई निदेशक द्वारा गणमान्य व्यक्तियों को सीवीआरडीई द्वारा विकसित उत्पाद एवं प्रणाली/प्रौद्योगिकी को दिखाने के लिये विभिन्न प्रौद्योगिकी केन्द्रों में ले जाया गया. रक्षा मंत्री ने उन्नत प्रणालियों जैसे अर्जुन एमबीटी एमके -2, अर्जुन बख़्तरबंद रिकवरी और मरम्मत वाहन (एआरआरवी), अर्जुन कैटपल्ट, बिना नाम के जमीन वाहन, हल्के लड़ाकू वाहन की उप प्रणाली- तेजस लैडिंग गियर,रूस्तम-2 के लिये 180 एच पी इंजन, टी- 72 के लिये 1000 एच पी इंजन, बीएमपी-2 के लिये 400 एच पी के अलावा बख़्तरबंद रोगी वाहन का पता लगाने, कैरियर कमांड पोस्ट ट्रैक, ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी -72) में विशेष रूची दिखाई है. इस परियोजना के अधिनायकों ने इस प्रणाली की अनोखी पद्वति और विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों को बताया.
टैंक/प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के बाद सभी मान्यगण सीवीआरडीई-अर्जुन सभागार में इकट्ठे हुए. इस अवसर के दौरान रक्षा मंत्री ने एक पुस्तक ‘अर्जुन एमबीटी – भारतीय सफलता की एक कहानी’ जारी की, जिसमें अर्जुन एमबीटी एमके-आई की पूरी परियोजना का वर्णन किया गया है. रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और डीआरडीओ के चेयरमैन की उपस्थिति में बीईएमएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री दीपक कुमार होता द्वारा सीवीआरडीई के निदेशक को अर्जुन एआरआरवी का प्रथम प्रोटोटाइप भेंट किया गया. सीवीआरडीई के निदेशक ने एडीई के निदेशक को लैंडिंग गियर के एक सेट के साथ सीएएमआईएलएसी प्रमाणीकरण और जीटीआरई के निदेशक को पावर टेक ऑफ शाफ्ट का एक सेट भेंट किया. वीआरडीई के निदेशक द्वारा एडीई के निदेशक को 180 एचपी इंजन भेंट किया गया.
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने देश के सभी हिस्सों से अभियांत्रिकी समुदाय के प्रतिभावान युवाओं को डिफेंस चैलेंजिंग एप्लिकेशन में भाग लेने के लिये एक वेबसाइट, ‘डीआरडीओ रोबोटिक्स एंड इंमैनैन्ड सिस्टम एक्सपोज़शन’ का शुभारंभ किया. उन्होने इस समारोह के दौरान ‘सीवीआरडीई की उपलब्धियां’ नामक एक किताब भी जारी की है.
रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ बिरादरी, विशेष रूप से सीवीआरडीई को उनके द्वारा राष्ट्र की रक्षा आत्मनिर्भरता के अनगिनत प्रयासों और योगदानों के लिए बधाई दी और उन्होने विश्वास जताया की डीआरडीओ ‘मेक इन इंडिया’ अवधारणा के साथ राष्ट्र को सशक्त बनाने का प्रयास करेगा.