रांची (तेज समाचार प्रतिनिधि) भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रांची में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच ड्रा रहा. मैच के 5वें और आखिरी दिन यानी सोमवार का खेल खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में छह विकेट खोकर 204 रन बनाते हुए भारत को जीत का स्वाद नहीं चखने दिया. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 451 रन बनाए थे. भारत ने चेतेश्वर पुजारा (202) और रिद्धिमान साहा (117) की बेहतरीन पारियों के दम पर अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 603 रनों पर घोषित करते हुए 152 रनों की बढ़त ले ली थी.
भारत की कोशिश थी कि वह आखिरी दिन ऑस्ट्रेलिया को 152 रनों से पहले ढेर कर यह मैच जीत लेगा, लेकिन पीटर हैंड्सकोंब (नाबाद 72) और शॉन मार्श (53) के बीच पांचवें विकेट के लिए हुई 124 रनों की साझेदारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा.
भारत की तरफ से रविंद्र जडेजा ने चार विकेट लिए.
बेनतीजा रहे इस रांची टेस्ट के रोमांचक खेल के पांच नायक रहे. भारत और ऑस्ट्रेलिया के इन पांच खिलाड़ियों ने खेल के दौरान स्थितियों को कई बार पलट के रख दिया था, जिससे आखिरी दिन तक मैच में रोमांच बना रहा.
पुजारा के दोहरे शतक से पस्त हुए ‘कंगारू’
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने भारत की पहली पारी में 202 रनों की मैराथन पारी खेल कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. पुजारा ने अपने इस दोहरे शतक में 525 गेंदें खेलीं और इसी के साथ उन्होंने भारत की तरफ से सबसे लंबी पारी खेलने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. साथ ही मैन ऑफ द मैच भी बने. मैन ऑफ द मैच बनने पर पुजारा ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि वे इतनी गेंदें खेल पाएंगे. यह पुजारा का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 11वां दोहरा शतक था. वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं. एक सत्र में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में भी वे पहले नंबर पर आ गए हैं. पुजारा ने साहा के साथ सातवें विकेट के लिए 199 रनों की साझेदारी भी की जो भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी भी है.
साहा की सर्वश्रेष्ठ पारी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 117 रनों की पारी खेल भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने वाले भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने इसे अपनी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी करार दिया है. साहा ने चेतेश्वर पुजारा (202) के साथ मिलकर अहम भूमिका अदा की और भारत को पहली पारी के आधार पर 152 रन की बढ़त बनाने में मदद की. साहा ने इस मैच में 117 रनों की पारी खेली, यह उनका तीसरा शतक था. साहा टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं. उनसे आगे भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं. धोनी के नाम छह शतक हैं.
रविंद्र जडेजा की फिरकी में मचाया धमाल
टीम इंडिया के स्पिनर रविंद्र जडेजा की शानदार गेंदबाजी से दूसरी पारी के शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया बैकफुट पर चला गया था. जडेजा (3/19) की अच्छी गेंदबाजी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने तीसरे टेस्ट मैच के पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को भोजनकाल तक ऑस्ट्रेलिया के चार विकेट गिराकर उसे पछाड़ दिया था. टी ब्रेक के बाद जडेजा ने दूसरी पारी में अपना चौथा विकेट लिया. भारत के लिए एक बार फिर रविंद्र जडेजा ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 54 रन देकर चार विकेट लिए. रांची टेस्ट की पहली पारी में भी जडेजा ने अपने ‘पंजे’ में ऑस्ट्रेलिया को फंसाया था. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में भारत की ओर से रवींद्र जडेजा ने 124 रन देते हुए पांच विकेट चटकाए.
हैंड्सकोंब की नाबाद पारी से बचा ऑस्ट्रेलिया
पीटर हैंड्सकॉम्ब (नाबाद 72) की पारी की बदौलत भारत के जबड़े से जीत छीन लाए. मैच को हार से बचाने में शॉन मार्श ने हैंड्सकोंब का पूरा साथ दिया. डेविड वॉर्नर, मैट रेनशॉ और कैप्टन स्टीव स्मिथ के आउट होने के बाद हैंड्सकोंब ने काफी संभल कर बल्लेबाजी की. ऑस्ट्रेलिया के लिए मोर्चा संभालने वाले हैंड्सकोंब ने 200 गेंद खेलकर अपना विकेट नहीं गंवाया.
मार्श ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
रांची टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के लिए पीटर हैंड्सकोंब और शॉन मार्श ने निर्णायक भूमिका निभाई. हैंड्सकोंब 72 रन खेलकर नाबाद रहे, जबकि मार्श ने 53 रन बनाए. दोनों ने पांचवें विकेट के लिए124 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को हार के खतरे से बचाया.
गौरतलब है कि रांची टेस्ट ड्रॉ होने के बाद अब सीरीज 1-1 से बराबरी पर है और चौथा टेस्ट 25 मार्च से धर्मशाला में खेला जाएगा. धर्मशाला स्टेडियम भी पहली बार किसी टेस्ट मैच की मेजबानी करने जा रहा है.