पुणे (तेज समाचार डेस्क). बुधवार की शाम पुणे के बीएमसीसी ग्राउंड पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने राकां सुप्रीमो शरद पवार का इंटरव्यू लिया. इस समय करीब 5 हजार दर्शकों की उपस्थित में राज ठाकरे द्वारा फेंकी गई सवालों की हर गुगली पर शरद पवार ने अपने जवाबों के बेहतरीन शॉट्स खेले. इस समय राज से सवाल पर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का खुलासा भी किया. राज ठाकरे के सवाल पर पवार ने बताया कि उस समय सोनिया गांधी ने खुद को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था. जबकि उस वक्त मैं विपक्ष का लीडर था.
– 3 जनवरी को होना था कार्यक्रम
उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे द्वारा शरद पवार का इंटरव्यू पहले 3 जनवरी को होना था. लेकिन उस समय कोरेगांव भीमा मामले को लेकर पुणे सहित राज्य का महौल काफी गरमाया हुआ था. इस कारण यह कार्यक्रम उस समय रद्द कर दिया गया था. इसके बाद भी एक बार यह कार्यक्रम किन्हीं करणों से रद्द किया गया था. लेकिन अंतत: इस बहुप्रतिक्षित इंटरव्यू का इंतजार खत्म हुआ और बुधवार को दोनों दिग्गज नेता एकसाथ मंच पर अवतरित हुए. बताया जाता है कि 11 साल बाद दोनों ने मंच सांझा किया था.
– राज ठाकरे द्वारा पूछे गए सवाल और शरद पवार के सटिक जवाब
राज ठाकरे : आपको कांग्रेस क्यों छोड़नी पड़ी?
शरद पवार : मैंने कांग्रेस इसलिए छोड़ी, क्योंकि बीजेपी सरकार के गिरने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद को पीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश किया था जबकि मैं विपक्ष का नेता था. दिल्ली की राजनीति में महाराष्ट्र के नेताओं को बढ़ने से रोका जाता रहा है.
राज ठाकरे : नरसिम्हा राव और आपके बीच क्या हुआ था?
शरद पवार : नरसिम्हा राव के कहने पर मैं रक्षामंत्री बना था. मैंने हमेशा से देश को आगे बढ़ाने की राजनीति की है. पूरी दुनिया की नजर मुंबई और महाराष्ट्र पर थी. जो लोग यहां पैसे लगा रहे थे वे एक कुशल, सही लीडरशिप देख रहे थे. इसलिए मैं दिल्ली छोड़ कर महाराष्ट्र आ गया.
राज ठाकरे : वह कौन सी बात है, जो महाराष्ट्र के लोगों को एकजुट कर सकती है?
शरद पवार : शिवाजी महाराज.
राज ठाकरे : क्या अपना भाषण शाहू, फुले या आम्बेडकर के नाम से शुरू नहीं करते?
शरद पवार : महाराष्ट्र का मतलब शिवाजी महाराज है. इन तीनों ने समाज को एकजुट करने का काम किया और धर्म और जात-पात से लड़ना सिखाया. लेकिन, महाराष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए शाहू, फुले और आम्बेडकर के विचारों को भी महत्व देना पड़ेगा.
राज ठाकरे : महाराष्ट्र पूरे देश के लिए सोचता है, लेकिन देश महाराष्ट्र के लिए नहीं सोचता. प्रधानमंत्री मोदी सभी को अहमदाबाद लेकर जा रहे हैं. आपको नहीं लगता यह महाराष्ट्र और मराठी को डैमेज कर रहे हैं?
शरद पवार : सच्चाई यह है कि इससे हम जैसे लोगों को कुछ नुकसान जरूर हो रहा है, लेकिन देश हमेशा से महाराष्ट्र से बड़ा रहेगा. अगर आप देश को लीड करना चाहते हैं, तो आपको गुजरात और अहमदाबाद पर गर्व होना चाहिए. लेकिन यह भी याद रखना चाहिए की आप देश के नेता हैं, ना कि किसी प्रदेश से आए हुए नेता.
राज ठाकरे : पृथक विदर्भ की मांग क्यों की जा रही है?
शरद पवार : अलग विदर्भ की मांग जनता का सपना है. हमें जनता का मत लेना चाहिए और अगर वह अलग विदर्भ के सपोर्ट में है तो उसे अलग कर देना चाहिए. लेकिन, वे ऐसा नहीं करेंगे. विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करने का मतलब सिर्फ कुछ जिलों को अलग करना नहीं है.
राज ठाकरे : मोदी ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू किया है. क्या यह गुजरातियों को महाराष्ट्र या मुंबई से दूर करने की साजिश है?
शरद पवार : इसमें दो चीजें हैं. हमने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का विरोध किया है. हम चाहते हैं कि दिल्ली-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चले. कोई अकेले अहमदाबाद नहीं जाना चाहता है. बुलेट ट्रेन के शुरू होने से शहर में और भीड़ बढ़ेगी. दूसरा अभी बुलेट ट्रेन की कोई जरूरत नहीं है. अभी बहुत सी बसें और ट्रेनें मुंबई और अहमदाबाद को कनेक्ट करती हैं. महाराष्ट्र को कोई भी तोड़ नहीं सकता.
राज ठाकरे : कांग्रेस का क्या भविष्य है और राहुल गांधी के बारे में आप की राय क्या हैं?
शरद पवार : पुरानी कांग्रेस गांवों में थी. देश में लोकतंत्र है. देश के कई हिस्सों में कांग्रेस कमजोर हुई है. वर्तमान में राहुल पर इसके गिरते ग्राफ को रोकना एक बड़ा चैलेंज है. अब मुझे लग रहा है कि वे सीखने के लिए तैयार हैं. वे गांव-गांव जा रहे हैं और कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. जब मैं रक्षामंत्री बना तब मुझे सेना की रैंक भी पता नहीं थी. रक्षामंत्री बनने के बाद मैंने सेना के एक अधिकारी को बुलाया और उनसे सभी बारीक जानकारियां हासिल कीं. वर्तमान में आप हर फील्ड में एक्सपर्ट नहीं हो सकते, लेकिन आप में सीखने का जज्बा होना चाहिए. राहुल में भी वही भावना मुझे नजर आ रही है.