• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

रामनाथ कोविंद ने हिंदी में ली शपथ

Tez Samachar by Tez Samachar
July 25, 2017
in Featured, देश
0
रामनाथ कोविंद ने हिंदी में ली शपथ

नई दिल्ली. देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद को मंगलवार को सीजेआई जेएस खेहर ने शपथ दिलाई. कोविंद ने इस समय हिन्दी में शपथ ली. शपथ विधि के बाद कोविंद को 21 तोपों की सलामी दी गई. इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी को उनके समाधिस्थल राजघाट जाकर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. इसके बाद दोनों एक कार में संसद भवन के लिए रवाना हुए. शपथ ग्रहण के बाद संसद के सेंट्रल हॉल में ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगे.
शपथ ग्रहण के बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मुझे भारत के राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपने के लिए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. मैं पूरी विनम्रता के साथ इस पद को ग्रहण कर रहा हूं. यहां सेंट्रल हॉल में आकर मेरी कई स्मृतियां ताजा हो गई हैं. मैं संसद सदस्य रहा हूं. इसी सेंट्रल हॉल में आपमें से कई लोगों के साथ विचार-विमर्श किया है. कई बार हम सहमत होते थे, कई बार असहमत. इसके बावजूद हमने एकदूसरे के विचारों का सम्मान करना सीखा. यही लोकतंत्र की खूबसूरती है.
– मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूं
अपने बारे में बताते हुए कोविंद थोड़ा भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मैं भी आप लोगों में से ही एक हूं. गरीब घर में जन्मा, मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूं. हमारे देश की भी यही गाथा रही है. संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल तत्वों का पालन किया जाता है. मैं भी इस मूल मंत्र का पालत करता रहुंगा. 125 करोड़ नागरिकों ने जो विश्वास जताया, उस पर खरा उतरने का वचन देता हूं. मैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. राधाकृण्ष्णन, डॉ. कलाम और प्रणब मुखर्जी जिन्हें हम प्रणब दा कहते हैं, उनके पदचिह्नों पर चलने जा रहा हूं.
– 21वीं सदी भारत की होगी
– कोविंद ने कहा कि गांधीजी ने हमें मार्ग दिखाया. सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया. वे राजनीतिक स्वतंत्रता से संतुष्ट नहीं थे. वे करोड़ों लोगों की आर्थिक स्वतंत्रता का लक्ष्य चाहते थे. हम 21वीं सदी के दूसरे दशक में हैं. हमें भरोसा है कि ये भारत की सदी होगी. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे.
– विविधता ही हमारी विशेषता
विविधता ही हमारा वो आधार है जो हमें विशेष बनाता है. हम बहुत अलग हैं, फिर भी एक हैं और एक रहेंगे. 21वीं सदी का भारत औद्योगिक क्रांति को भी विस्तार देगा. हमें अपनी परंपरा और प्रौद्योगिकी को प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालिन विज्ञान के साथ लेकर चलना है. डिजिटल राष्ट्र हमें विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा.
– देश का हर नागरिक राष्ट्रनिर्माता
कोविंद ने कहा कि राष्ट्र निर्माण अकेले सरकारों द्वारा नहीं किया जा सकता. सरकार सहायक हो सकती है. वह समाज के उद्यमियों को नई दिशा दिखा सकती है. राष्ट्रीय गौरव ही राष्ट्र निर्माण का आधार है. हमें भारत की मिट्टी और पानी पर गर्व है. हमें भारत की संस्कृति-परंपरा-अध्यात्म पर गर्व है. हमें गर्व है अपने कर्तव्यों के निवर्हन पर. देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है. प्रत्येक भारतीय मूल्यों का संरक्षक है. देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सशस्त्र बल राष्ट्र निर्माता है. पुलिस और अर्द्धसैनिक बल जो आतंकवाद से लड़ रहे हैं, वे राष्ट्र निर्माता है. जो किसान तपती धूप में अन्न उगा रहा है, वह राष्ट्र निर्माता है. खेत में न जाने कितनी महिलाएं भी काम करती हैं. जो भारत को मंगल तक ले जा रहा है, या किसी वैक्सीन का आविष्कार कर रहा है, वो राष्ट्र निर्माता है. जिस नौजवान ने अपना स्टार्टअप शुरू किया है और खुद रोजगारदाता बन गया है, वह राष्ट्र निर्माता है. वह प्रतिबद्ध लोकसेवक, जो पूरी निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. पानी से भरी सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रित कर रहे हैं या दफ्तरों में बैठकर फाइलें भी देख रहे हैं, वह राष्ट्र निर्माता है. शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं. देश के नागरिक ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक अपने प्रतिनिधि चुनते हैं. यही प्रतिनिधि राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन लगाते हैं. सदियों से भारत ने वसुधैव कुटुंबकम को जिया है.
– विश्व को भारत से उम्मीदें हैं
आज पूरे विश्व में भारत के दृष्टिकोण का महत्व है. विश्व समुदाय हमारी तरफ देख रहा है. यही भाव हमें दूसरे देशों से जोड़ता है. अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस का विस्तार हो या प्राकृतिक आपदाओं के वक्त सहयोग के लिए आगे आना हो, यह हमें दूसरों से जोड़ता है. दूसरों से ज्यादा और बेहतर करने का प्रयास है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2022 में देश अपनी स्वतंत्रता का 75वां बरस मना रहा होगा. हमारे प्रयास से समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए नए अवसरों के द्वार खुले हैं. नागरिक ही हमारी ऊर्जा का मूल स्रोत हैं. हमें तेजी से विकसित होने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था है. समान मूल्यों वाले अवसर का निर्माण करना होगा. ऐसा समाज जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय ने की थी.
– आडवाणी-जोशी को झुककर किया नमस्कार
शपथ ग्रहण के बाद कोविंद ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को झुककर नमस्कार किया.

Tags: #रामनाथ कोविंद
Previous Post

मुंबई के घाटकोपर में 4 मंजिला इमारत धराशाई : 11 मौत, 10 को जिंदा बचाया

Next Post

शिरपुर:फर्जी बैंक अधिकारी बनकर की ठगी

Next Post
शिरपुर:फर्जी बैंक अधिकारी बनकर की ठगी

शिरपुर:फर्जी बैंक अधिकारी बनकर की ठगी

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.