फैजाबाद (तेज समाचार प्रतिनिधि). वर्षों से हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद का विषय बने राम मंदिर-बाबरी विवाद का अंत समीप आने लगा है. राम जन्मभूमि विवादित मसला अब समझौते के बिलकुल करीब माना जा रहा है. क्योंकि सुप्रीमकोर्ट के सुझाव के बाद अब यूपी सरकार व उसके मंत्री भी इसी राह पर है. साथ ही जो पक्षकार हमेशा एक-दूसरे से कुछ मुद्दों पर बिलकुल अलग थे वो लोग भी अब सुलह के मसले पर आपस में बैठने को तैयार दिखाई दे रहे हैं.
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सर्वोच्च न्यायालय के सुलह समझौते के सुझाव का प्रदेश सरकार ने स्वागत किया है और कहा है कि सरकार दोनों पक्षों के बैठने की व्यवस्था करेगी. जिसमें मसले का हल निकालने के लिए बात की जायेगी. इस बातचीत में जो निर्णय होगा उसे आगे बढ़ाया जायेगा.
अयोध्या में रामलला के दर्शन करने आये प्रदेश के कबीना मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ मोती सिंह ने पत्रकारों से कहा है कि हम मिल बैठकर हल निकालने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तानियों के मन का आपस का प्यार बना रहे ऐसा हल निकाला जाएगा. राजेन्द्र प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो सलाह दी है, वह हिन्दुस्तान के लिए एतिहासिक साबित होगा.
देशहित के लिए हम नुकसान उठाने को तैयार
दोनों पक्ष साफ़ तौर पर यही कह रहे हैं कि देश की एकता और शांति के लिए यह कदम सराहनीय है. सुलह-समझौते से विवाद हल होगा तो आपसी प्रेम-एकता और सौहार्द को बल भी मिलेगा. मुस्लिम पक्षकार यानी अहम्मुद्दई हाजी महबूब ने कह दिया कि देश बचाने के लिए कुछ नुकसान उठाने को भी तैयार हैं.
मामले में हैं तीन पक्षकार
दरअसल राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित मामले में तीन अहम पक्षकार हैं. तीनों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना दावा ठोंक रखा है. पहला पक्ष निर्मोही अखाड़ा, दूसरा मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान स्वयं रामलला और तीसरे व अहम पक्षकार के तौर पर सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड है.
पहले पक्षकार : रामलला विराजमान पक्षकार त्रिलोकी नाथ पाण्डेय के वकील मदनमोहन पाण्डेय ने सुलह को लेकर की गयी पहल का स्वागत किया है और कहा है कि मिल-जुलकर मामला तय हो जाए तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है.
दूसरे पक्षकार : सुलह-समझौते का निर्मोही अखाडा ने भी स्वागत किया है. निर्मोही अखाडा के प्रतिनिधि महंत राम दास ने स्वागत करते हुए कहा कि अयोध्या सहित देश के विकास के लिए जरूरी है कि आपसी बात-चीत से विवाद हल हो जाय और वो तो बहुत पहले से ऐसा ही चाहते है.
तीसरे पक्षकार : वहीं मुस्लिम पक्षकार ने कह दिया है कि देश हित के लिए कुछ नुकसान भी सहने को हम तैयार हैं. मुस्लिम पक्षकार के तौर पर मामले में मुद्दई हाजी महबूब का कहना है कि हम तो पहले से ही चाहते थे कि विवाद को बात-चीत से हल किया जाय तो बहुत ही अच्छा रहेगा. उन्होंने कहा कहा कि हम सुलह-समझौते का स्वागत करते हैं.