नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रामनाथ कोविंद विपक्ष के उम्मीदवार मीरा कुमार को बड़े अंतर से हराकर 14 वें राष्ट्रपति चुने गये। रामनाथ कोविंद की जीत का अंतर इसलिए भी अधिक बढ़ा है क्योंकि गुजरात, दिल्ली, गोवा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में रामनाथ कोविंद के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई है। कोविंद ने मीरा कुमार को 334,730 के वोट मूल्य के अंतर से हराया है। राष्ट्रपति चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ सत्ता व विपक्ष के लिए चिंतनीय विषय बन गया है । ऐसा नहीं है की विरोधी दलों के नुमाइंदों ने सिर्फ रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोट दाल कर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है, बल्कि भाजपा में भी विरोध के स्वर मीरा कुमार को वोट करके मुखर होते दिखाई दिए हैं । वहीँ ‘क्रॉस वोटिंग’ कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्ष की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल कई राज्यों में कांग्रेस, टीएमसी के विधायकों ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोट किया।
नई दिल्ली- दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ‘आप’ के दो विधायकों ने कोविंद को वोट दिया। यहाँ रामनाथ कोविंद को 6 और मीरा कुमार को 55 वोट मिले। दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के मात्र 4 विधायक हैं। दिल्ली में 6 वोट रद्द किया गया है। विदित हो की आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले मीरा कुमार को समर्थन देने का ऐलान किया था।
त्रिपुरा- त्रिपुरा में बीजेपी का एक भी विधायक नहीं होने के बावजूद एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को 7 वोट मिले। वहीं मीरा कुमार को 53 वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव के दिन कांग्रेस के एक बागी विधायक और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से बर्खास्त छह विधायकों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट देने का ऐलान किया था।
गुजरात- विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में भी जमकर ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई है। कांग्रेस नेतृत्व से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला खेमा नाराज है। जो कांग्रेस के लिए बुरी खबर लेकर आया है। 8 कांग्रेस विधायकों ने कोविंद के पक्ष में वोट किया। गुजरात में रामनाथ कोविंद को 132 वोट मिले और मीरा कुमार को 49 वोट मिले। गुजरात में बीजेपी के 121 विधायक और कांग्रेस के 57 हैं।
असम- असम में भी क्रॉस वोटिंग हुई है। यहां रामनाथ कोविंद को 91 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 35 वोट पड़े। असम में बीजेपी गठबंधन के पास 87 विधायक ही हैं। यानी कोविंद को उम्मीद से चार वोट ज्यादा मिले हैं। यह वोट कांग्रेस या अन्य दलों से मिले हैं।
राजस्थान- राजस्थान में भाजपा के भीतर का विरोध मीरा कुमार के पक्ष में दिखाई दिया । बीजेपी शासित राजस्थान में बीजेपी के कई विधायकों ने विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार के पक्ष में वोट किया। मीरा कुमार को 34 वोट पड़े। मीरा कुमार के बीएसपी के दो और निर्दलीय के 2 वोट मिले। बताया जा रहा है कि 6 वोट बीजेपी विधायकों ने दिये। राजस्थान में कांग्रेस के 24 विधायक हैं ।
गोवा- गोवा में रामनाथ कोविंद को 25 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 11 वोट मिले। गोवा में कांग्रेस के वोट भी रामनाथ कोविंद को मिले । यहां कांग्रेस के 16 विधायक हैं। ऐसे में साफ है कि मीरा कुमार को 5 वोट कम मिले।
महाराष्ट्- बीजेपी शासित महाराष्ट्र में भी क्रॉस वोटिंग हुई। रामनाथ कोविंद के पक्ष में 208 जबकि मीरा कुमार को 77 वोट पड़े। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के 185 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 83 विधायक हैं। इस हिसाब से कांग्रेस-एनसीपी के कुछ वोट कोविंद के पक्ष में पड़े। अनुमान है की 7 निर्दलियों के अलावा 15 – 16 वोट रामनाथ कोविंद के पक्ष में डाले हैं ।
विदित हो की निर्वाचक मंडल में 4,986 मतदाता थे, जिनके वोट का कुल मूल्य 10,98,903 था। इनमे से 77 वोट अमान्य हो गए। रामनाथ कोविंद को कुल वैध मतों का 65.65 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जबकि मीरा कुमार को 10,69,358 मूल्य के साथ 34.35 प्रतिशत वोट मिले। राष्ट्रपति चुनाव में सांसद और विधायक वोट देते हैं। कोविद को सांसदों के 522 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 225 वोट मिले। वर्ष 1997 से 2002 तक राष्ट्रपति रहे के.आर. नारायणन के बाद रामनाथ कोविंद दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे। रामनाथ कोविद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे हैं। उन्होंने 1999 से तीन साल तक पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा की अगुवाई की है। वह बीजेपी में शामिल होने से पहले आरएसएस में सक्रिय स्वयंसेवक रहे हैं।